कांगड़ा-हमीरपुर पर कांग्रेस का फैसला कल

दिल्ली में होगी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक, मुख्यमंत्री-प्रदेशाध्यक्ष संग उपमुख्यमंत्री भी रहेंगे मौजूद

विशेष संवाददाता — शिमला

हिमाचल में कांग्रेस की दोनों लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को फैसला हो सकता है। केंद्रीय चुनाव समिति ने दिल्ली में बैठक बुलाई है। इस बैठक में प्रदेश की दोनों हमीरपुर और कांगड़ा संसदीय सीटों पर उम्मीदवारों का चयन होगा। इन दोनों सीटों पर नामों का फैसला कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े करेंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, प्रतिभा सिंह और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री सीईसी की बैठक में हिस्सा लेंगे। पिछली बैठक में दोनों सीटों पर फैसले को होल्ड कर लिया गया था। इसमें हमीरपुर में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के खिलाफ किसी बड़े नेता को मैदान में उतारने की पैरवी की गई थी, जबकि कांगड़ा संसदीय सीट पर आशा कुमारी का नाम सबसे आगे चल रहा था, लेकिन आशा कुमारी के नाम पर केंद्रीय चुनाव समिति में सभी एकमत नहीं हो पाए। कांग्रेस ने अभी तक दो ही सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है।

इनमें शिमला से विनोद सुल्तानपुरी और मंडी से विक्रमादित्य सिंह शामिल हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी, स्क्रीनिंग और समन्वय समिति ने जिन नामों पर सबसे पहले मुहर लगाई थी, वेे सभी अब फंस गए हैं। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में सतपाल रायजादा को टिकट देने की पैरवी की गई थी, लेकिन पिछली बैठक में कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें ग्रीन सिग्नल नहीं दिया। उनकी जगह दूसरे नामों पर विचार करने की सलाह दी गई। इसके बाद अब हमीरपुर में नए नाम के तौर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, आस्था अग्निहोत्री और सतपाल रायजादा तीन नाम प्रस्तावित हैं। कांगड़ा में आशा कुमारी के अलावा अब नया आरएस बाली और डा. राजेश शर्मा सहित अन्य का जुड़ गया है।

उपचुनाव पर चर्चा की संभावना कम

हिमाचल में कांग्रेस को छह विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों का चयन भी करना है, लेकिन शुक्रवार की बैठक में इनके नाम तय होने की संभावना कम है। पार्टी हाइकमान इस समय अपना पूरा ध्यान लोकसभा चुनाव पर लगा चुकी है, जबकि विधानसभा के प्रत्याशियों पर फैसला इसके बाद संभव है। गौरतलब है कि धर्मशाला, सुजानपुर, बड़सर, गगरेट, कुटलैहड़ और लाहुल-स्पीति में विधानसभा के उपचुनाव होने हैं। भाजपा ने इन सभी सीटों पर कांग्रेस से बागी हुए विधायकों को ही टिकट दे दी है, जबकि कांग्रेस अभी तक अपने नेताओं का विकल्प नहीं तलाश पाई है। शुक्रवार की बैठक के बाद विधानसभा की टिकटों का फैसला हो सकता है।