ओलों ने निगल लिया तीस फीसदी सेब

भरमौर के ऊंचाई वाले हिस्सों में मौसम ने बरपाया कहर, फील्ड रिपोर्ट आने के बाद होगा नुकसान का आंकलन

कार्यालय संवाददाता-भरमौर

जनजातीय क्षेत्र भरमौर के ऊंचाई वाले हिस्सों में गतरोज हुई ओलावृष्टि से तीस फीसदी सेब की फसल प्रभावित हुई है। जबकि क्षेत्र में मौसम का कड़ा रूख अभी भी बागबानों के लिए चिंता का सबव बना हुआ है। हांलाकि ऊंचाई वाले हिस्सों में स्थित अधिकांश बागीचों में फलॉवरिंग को अभी वक्त है। लेकिन जिन बागीचों में फलॉवरिंग हुई है, उन्हें कुछ हद तक ओलावृष्टि ने प्रभावित कर दिया है। बहरहाल फील्ड से नुकसान की रिपोर्ट आने के बाद ही ओलावृष्टि से हुए नुकसान की सही प्रतिशतता का पता चल सकेगा। उल्लेखनीय है कि अप्रैल माह में क्षेत्र में मौसम लगातार खराब बना हुआ है और यहां थोड़े-थोड़े दिनों के अंतराल में बारिश हो रही है। हांलाकि बागबानी विशेषज्ञ जिस हिसाब से क्षेत्र में बारिश हो रही है, उसे सेब की फसल के लिए नुकसानदायक नहीं मान रहे है। इस बीच गत दिनों ऊपरी हिस्सों में हुई ओलावृष्टि से फलॉवरिंग वाले बागीचों में फसल को नुकसान होने की सूचना मिली है। क्षेत्र के गुवाड़, तिल्ला, गुवाहला आदि गांव के बागबानों सोनू, गणू राम, अमन कुमार, चैन सिंह, कमल कुमार, तिलक राज आदि ने बताया कि ऊपरी हिस्सों में कुछेक बागीचों में ही सेब की फलॉवरिंग हुई है। जिन्हें गत दिनों हुई आलोवृष्टि से नुकसान पहुंचा है। उन्होंने बताया कि ओलावृष्टि इतनी जोरदार थी कि पत्ते भी गिर गए है।

उनका कहना है कि एक अनुमान के तौर पर तीस फीसदी फसल यहां पर आलोवृष्टि से प्रभावित हुई है। बागबानों का कहना है कि क्षेत्र में मौसम अभी भी कड़े तेवर अपनाए हुए है और आगामी दिनों में यहां पर दोबारा ओलावृष्टि होती है, तो बंपर सेब की फसल होने की उम्मीदों पर भी पानी फिर सकता है। उधर, भरमौर स्थित उद्यान विभाग के विषय वस्तु विशेषज्ञ डा. आशीष शर्मा का कहना है कि क्षेत्र में जिस तरीके से बारिश हो रही है, वह सेब की फसल के लिए नुकसानदायक नहीं है। अगर लगातार बारिशें होती है, तो इसका असर सेब की फसल पर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि ओलावृष्टि से सेब की फसल के नुकसान होने का पता फील्ड से रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा।