वन विभाग के कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द

प्रदेश में फायर सीजन के चलते 15 अप्रैल से नहीं मिलेगा अवकाश, आग से जंगल बचाने को कसी कमर

विशेष संवाददाता-शिमला

प्रदेश में फायर सीजन के चलते वन विभाग के कर्मचारियों की छुट्टियों पर कैंची चल गई है। 15 अप्रैल के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों को अवकाश नहीं मिलेगा। जंगलों में आग की घटनाओं के मद्देनजर विभाग ने सभी 2061 वन बीट पर एक साथ आदेश जारी कर दिए हैं। इसके अलावा जरूरत के हिसाब से विभाग दैनिकभोगी कर्मचारियों की मदद भी ली जाएगी। गौरतलब है कि 15 अप्रैल से फायर सीजन शुरू हो रहा है। इस दौरान जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढऩे की संभावना रहती है। प्रदेश में 339 वन बीट को अति संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है। इनमें हर साल अग्निकांड की घटनाएं होती रहती हैं। ज्यादातर मामलों में लोग खुद जंगलों को आग के हवाले कर रहे हैं। इसके अलावा 667 वन बीट को मध्यम और एक हजार से ज्यादा वन बीट को कम संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है। यह सभी वन बीट प्रदेश के आठ जिलों में फैली हुई हैं।

फिलहाल, आगामी फायर सीजन को देखते हुए वन विभाग अलर्ट मोड पर है। वन विभाग ने इस संबंध में अलर्ट जारी किया है और जंगलों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की बात कही है। अक्तूबर से जनवरी के बीच करीब तीन महीनों में बारिश न होने का बड़ा नुकसान वन विभाग को झेलना पड़ा है। प्रदेश भर में महज इस अवधि के दौरा दो हजार से ज्यादा अग्निकांड की घटनाएं पेश आई हैं। कुल्लू, किन्नौर, चंबा और शिमला में सबसे ज्यादा आग लगने की घटनाएं हुई हैं। जनवरी महीने में बारिश के कम होने का नुकसान भी जंगलों को झेलना पड़ा है। दिसंबर में करीब दस करोड़ रुपए का भारी नुकसान विभाग को झेलना पड़ा था।

चीड़ की पत्तियों से भडक़ रही आग

प्रदेश में अग्निकांड की बड़ी वजह चीड़ के पेड़ बन रहे हैं। प्रदेश के कुल 37 हजार 33 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र के प्रदेश में 15 प्रतिशत हिस्से में चीड़ के पेड़ हैं। चीड़ के पत्ते जंगलों में गिरते हैं और सूखने के बाद जल्द आग पकड़ लेते हैं।

वन विभाग करेगा जागरूक

अतिरिक्त मुख्य प्रधान अरण्यपाल अनिल ठाकुर ने बताया कि फायर सीजन को देखते हुए वन विभाग छुट्टियों पर प्रतिबंध लगाता है, ताकि किसी भी तरह की घटना होने पर कर्मचारियों को ड्यूटी सौंपी जा सके। 15 अप्रैल से यह नियम प्रदेश में लागू हो जाएगा। बिना किसी ठोस वजह के कर्मचारियों को छुट्टियां नहीं मिलेंगी। वन विभाग जागरूकता अभियान भी चलाएगा, ताकि वनों में अग्रिकांड के मामले कम हो सकें। जिन क्षेत्रों में आग लगती है उनमें जल्द काबू पाया जा सके।