खालसा कालेज में ‘मोजो मोबाइल जर्नलिज्म’ कार्यशाला

दिल्ली के विशेषज्ञों ने मोबाइल पत्रकारिता से नई तकनीकों पर साझा किए विचार

निजी संवाददाता—अमृतसर

पत्रकारिता विभाग, खालसा कालेज, सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस पर्यावरण) नई दिल्ली और पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी के प्रयासों से तीन दिवसीय ‘मोजो मोबाइल जर्नलिज्म’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान दिल्ली से आए विशेषज्ञों ने मोबाइल पत्रकारिता के माध्यम से जनजागरूकता पैदा करने की नई तकनीकों पर महत्त्वपूर्ण विचार साझा किए। कालेज प्राचार्य डा. महल सिंह के सहयोग से करवाई उक्त वर्कशाप में मुख्य मेहमान के रूप में प्रिंसीपल वैज्ञानिक अधिकारी प्रसार (डीएसटीए जीओआई) डा. बीके त्यागी, पंजाब राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (विज्ञान एवं पर्यावरण आउटरीच) के संयुक्त निदेशक प्रोफेसर डा. केएस बाठ ने शिरकत की।

उनके अलावा स्किलिंग इंडिया-इन-फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के निदेशक रितेश टकसांडे, मोजो एजुकेटर (फिल्म और फोटोग्राफी) और संचालक सबयसाची भारती प्रिंसीपल डा. महल सिंह मौजूद थी। इस अवसर पर डा. महल सिंह के साथ डीन एकेडमिक अफेयर्स डा. तमिंदर सिंह, प्रो. जसप्रीत कौर और मास कम्युनिकेशन एंड वीडियो प्रोडक्शन विभाग की प्रमुख डा. सानिया मरवाहा ने समारोह में आए सभी मेहमानों का फूलों से स्वागत करने के बाद कहा कि पत्रकारिता विभाग ऐसी कार्यशाला है। पत्रकारिता और पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए यह आयोजन किया गया है, जो बेहद सराहनीय है। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य मोबाइल तकनीक के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण कार्यों के प्रति जागरूकता फैलाना है। इस अवसर पर डा. त्यागी ने कहा कि ‘मोजो’ जैसे संचार के नए माध्यमों से हम प्रकृति और जैव विविधता के संरक्षण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और पत्रकारिता को प्रकृति से जोडक़र एक करना है, ताकि आजकल मोबाइल तकनीक के इस्तेमाल से हम प्रदूषण पर नजर रखकर समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।