कलह की शिकार हो गईं पार्टियां…

जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव की तारीखें निकट आती जा रही हैं, वैसे-वैसे सभी राजनीतिक गठबंधनों के बीच का अंदरूनी कलह बंद कमरे से बाहर निकल कर सडक़ों पर आता जा रहा है। महाराष्ट्र में 2019 के मुकाबले एकदम नई तरह की परिस्थितियां सामने आ गई हंै। महाअघाड़ी में शामिल शिवसेना पार्टी से अलग होकर एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर मुख्यमंत्री पद तो प्राप्त कर लिया है, मगर उसके बाद अजीत पवार गुट के सत्ता में शामिल होने से उनकी अहमियत घटती जा रही है।

क्योंकि बीजेपी की पूरे महाराष्ट्र पर अच्छी पकड़ है, इसलिए वह अपनी शर्तों पर सहयोगी दलों को सीटें आवंटित कर रही है, जिसे लेकर एनडीए में शामिल अन्य दल कसमसा रहे हैं।

सुभाष बुडावनवाला, रतलाम, एमपी