खेल मैदान में चोट से न डरें खिलाड़ी, इलाज संभव

हड्डी में किसी भी तरह की चोट का इलाज संभव, आर्थोपेडिक्स में आई तकनीकी क्रांति

निजी संवाददाता — कुरुक्षेत्र

खेल के दौरान खिलाड़ी को लगने वाली किसी भी तरह की हड्डी-लिगामेंट की चोट उसके कैरियर में अड़चन नहीं लाएगी, क्योंकि आर्थोपेडिक्स में आई तकनीकी क्रांति से अब किसी भी तरह की चोटिल हड्डी को शत-प्रतिशत ठीक किया जा सकता है। यह बात आज कुरुक्षेत्र में एक पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए जाने माने हड्डी रोग माहिर डा. चंदन नारंग ने कहीए जो कि खेल के दौरान पैर संबंधी चोटों, पैर के फ्रेक्चरए मांसपेशियों के फटनेए एड़ी में दर्द, सपाट पैर, टखने में मोच, टखने का गठिया, गोखरू, पैर में झुनझुनी या सुन्नता, असहाय पीड़ा, पैर, टखने के अंदरूनी हिस्से से लेकर तलवे तक जलन, टखने का फ्रेक्चर, पैर में अस्पष्टीकृत दर्दनाक सूजन, मधुमेह के कारण पैर का पुनर्निर्माण, पैर का गिरना (पैर उठाने में असमर्थता), टखने का विषुव, टखने के लिगामेंट का टूटनाए बचपन के पैर की विकृतिए क्लब पैरए और पैर से संबंधित कई अन्य चोटों के उपचार में आई नवीनतम उपचार तकनीकों संबंधी जागरूक करने के लिए शहर में पहुंचे थे।

फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली के फुट एंड एंकल डिपार्टमेंट के एसोसिएट कंसल्टेंट डा. चंदन नारंग ने बताया कि ऑर्थोपेडिक्स डिपार्टमेंट के अंतर्गत फुट एंड एंकल डिपार्टमेंट ने डिफॉर्मिटी करेक्शन सर्जरी के माध्यम से टखने (एंकल) और पैर के लिगामेंट की जटिल चोटों से पीडि़त कई खिलाडिय़ों का सफलतापूर्वक इलाज किया गया है, जो कि अब देश-विदेश में मेडल जीतकर देश का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक 21 वर्षीय कबड्डी खिलाड़ी टखने और पैर के लिगामेंट की चोटों के कारण अपने खेल में सही प्रदर्शन नहीं कर पा रहा था तथा जो खेल छोडऩे की कगार पर था। मरीज़ को तेज़ दर्द हो रहा था और उनकी गतिशीलता बुरी तरह प्रभावित हो गई थी। उन्होंने बताया कि चिकित्सीय जांच में मरीज को क्रॉनिक एंकल इंस्टैबिलिटी ;टखने का बार.बार मुडऩाद्ध था, जिसके कारण टखने का बाहरी भाग ;पाश्र्व भागद्ध बार.बार मुड़ जाता था।