पल-पल बदल रही सियासी हवा, फिर रेस में लौटे रायजादा

मुकेश-आस्था अग्रिहोत्री के इनकार के बाद चर्चाओं का दौर तेज

राकेश शर्मा — शिमला

लोकसभा चुनाव लडऩे से उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और उनकी बेटी आस्था के इनकार ने एक बार फिर हमीरपुर संसदीय सीट पर सतपाल रायजादा की दावेदारी को मजबूत कर दिया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के सामने कांग्रेस सतपाल रायजादा को मैदान में उतारने का फैसला कर सकती है, जबकि केंद्रीय चुनाव समिति की दिल्ली में हुई बैठक में सतपाल रायजादा को हाइकमान ने मंजूरी नहीं दी थी। इसके बाद इस सीट पर चुनाव लडऩे का ऑफर आस्था अग्निहोत्री को मिला, लेकिन उन्होंने टिकट स्वीकार नहीं की। इसके बाद उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के चुनाव लडऩे को लेकर चर्चा का दौर शुरू हो गया। इसके बाद उपमुख्यमंत्री ने सार्वजनिक तौर पर बयान जारी कर चुनाव न लडऩे की बात कही। ऐसे में अब सतपाल रायजादा की एक बार फिर वापसी होती नजर आ रही है।

हाइकमान का नजरिया सतपाल रायजादा पर कुछ भी रहा हो, लेकिन मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों ही रायजादा पर भरोसा जता चुके हैं। कांग्रेस की हमीरपुर और कांगड़ा टिकट पर सस्पेंस शुरू से ही बना हुआ है। हमीरपुर में हाइकमान अनुराग ठाकुर को घेरने की रणनीति प्रदेश से चाहता है, जबकि प्रदेश कांग्रेस ने यहां स्थानीय गणित पर टिकटें तय करने की राय हाइकमान के सामने रख दी है। अब देखना यह है कि कांग्रेस किसे मैदान में उतारती है।

बागियों के बीच कांग्रेस की महिला प्रत्याशी पर नजर

कांगड़ा में आरएस बाली अभी भी चर्चा में हंै। हिमाचल से दिल्ली तक आरएस बाली सभी नेताओं की पहली पसंद हैं और सर्वे में भी उन्हें मजबूत प्रत्याशी माना गया है। हालांकि यहां दूसरा नाम डा. राजेश शर्मा का भी है और डा. राजेश की चर्चा भी दिल्ली की बैठकों में सुनाई दी है। हालांकि जब तक दिल्ली से टिकट पर मुहर नहीं लगती, कांग्रेस नेताओं की धडक़नें तेज ही रहेंगी।

बागियों के बीच कांग्रेस की महिला प्रत्याशी पर नजर

विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को तीन सीटों पर उम्मीदवार तय करने हैं। धर्मशाला, लाहुल-स्पीति और बड़सर में पेंच अभी भी फंसा हुआ है। कांग्रेस हाइकमान दो सीटों पर भाजपा के बागी नेताओं को टिकट दे सकती है, जबकि एक सीट पर महिला प्रत्याशी को उतारने की सिफारिश दिल्ली में की गई है। इनमें बड़सर सीट पर महिला प्रत्याशी शर्मिला पटियाल का नाम चर्चा में है, जबकि धर्मशाला में भाजपा के बागी राकेश चौधरी और लाहुल-स्पीति में रामलाल मार्कंडेय केा टिकट मिलने की संभावना है। कांग्रेस इन दोनों सीटों पर भाजपा बागियों पर दांव लगाती है, तो प्रदेश में उपचुनाव वाली चार सीटें हो जाएंगी, जिनमें पार्टी बागियों को टिकट देगी। इससे पूर्व सुजानपुर में रणजीत सिंह राणा और गगरेट में पूर्व विधायक राकेश कालिया को कांग्रेस टिकट दे चुकी है। ऐसे में देखना यह भी होगा कि जिन दो सीटों पर भाजपा के बागियों को टिकट देने की चर्चा चल रही है वहां कांग्रेस के अपने कुनबे में टिकट तय होने के बाद मचने वाली भगदड़ से पार्टी नेता कैसे पार पाते हैं।