राम मंदिर में विज्ञान का चमत्कार, रामलला का भव्य ‘सूर्य तिलक’

एजेंसियां — अयोध्या

पूरे देश में रामनवमी की धूम के बीच बुधवार को अयोध्या के राम मंदिर में अलौकिक नजारा देखने को मिला, जब अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12 बजे रामलला की मूर्ति के माथे का सूर्य की किरण से अभिषेक किया गया। इस दौरान रामलला के मस्तक पर तीन मिनट तक नीली किरणें पड़ीं। प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला का यह पहला सूर्य तिलक है। सूर्य तिलक के साथ ही रामलला का जन्म हो गया। मंदिर में आरती की गई। सूर्य तिलक के बाद कुछ देर के लिए रामलला का पट बंद कर दिया गया। इससे पहले जगद्गुरु राघवाचार्य ने 51 कलशों से भगवान रामलला का अभिषेक किया। बुधवार सुबह साढ़े तीन बजे मंदिर के कपाट खुल गए, आम दिनों में ये साढ़े छह बजे खुलते हैं।

सूर्य तिलक के लिए अष्टधातु के 20 पाइप से 65 फुट लंबा सिस्टम बनाया गया था। इसमें चार लेंस और चार मिरर के जरिए गर्भ गृह तक रामलला के मस्तक तक किरणें पहुंचाई गईं। इस मौके पर 10 भारतीय वैज्ञानिकों की एक टीम राम मंदिर में तैनात थी। दोपहर 12 बजे से लगभग तीन से 3.5 मिनट तक दर्पण और लेंस का उपयोग करके सूर्य की रोशनी को रामलला की मूर्ति के माथे पर सटीक रूप से स्थापित किया गया।