विधानसभा में कांग्रेस के हिस्से के एक लाख वोट ले गए थे बागी नेता

घर वापसी हुई, तो सात हलकों में मजबूत होगी पार्टी

विशेष संवाददाता-शिमला

बागियों को मनाने के फार्मूले पर काम कर रही कांग्रेस की नजर उस वोट बैंक पर है, जो विधानसभा चुनाव के दौरान हाथ से फिसल गया था। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 68 में से सात सीटों पर बड़ी बगावत झेलनी पड़ी थी। इनमें से चार सीटें पार्टी नहीं बचा पाई थी। पहले टिकट की मांग और उसके बाद बगावत कर चुनाव लडऩे वाले नेताओं ने सात विधानसभा क्षेत्र में एक लाख 5400 वोट हासिल किए थे। चार विधानसभा सीटों में बगावत के बाद कांग्रेस उम्मीदवार तीसरे नंबर पर खिसक गए थे। चुनाव के दौरान मनाने की कोशिश सिरे न चढऩे के बाद कांग्रेस ने इन सभी को छह साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। पार्टी हाइकमान की यह कार्रवाई इन नेताओं पर ही नहीं हुई। बल्कि इनके साथ देने वाले ब्लॉक अध्यक्ष, बूथ प्रभारी और अन्य कार्यकर्ता भी बाहर भेज दिए गए। लेकिन अब मौसम बदल चुका है।

लोकसभा चुनाव में पार्टी को एक बार फिर इन नेताओं की जरूरत आन पड़ी है। पांच विधानसभा क्षेत्र में इस बारे कोई फैसला नहीं हो पाया है। इनमें सबसे बड़ा नाम पच्छाद का है। यहां पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गंगू राम मुसाफिर कांग्रेस से टिकट कटने के बाद निर्दलीय मैदान में कूद गए थे। गंगूराम मुसाफिर यहां कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण बने थे। मुसाफिर ने 13 हजार 187 वोट लिए जो कुल वोट शेयर के 21.46 फीसदी थे। कांग्रेस उम्मीदवार दयाल प्यारी को 17 हजार 358 वोट मिले थे। यह वोट शेयर का 28.25 फीसदी हिस्सा था। दोनों नेताओं के वोट का कुल योग भाजपा की रीना कश्यप के 21215 वोटों से ज्यादा था, लेकिन यहां बगावत की वजह से कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा।

बगावत से रजनीश किमटा को मिली हार

दूसरा बड़ा नाम चौपाल का है। यहां से कांग्रेस महासचिव रजनीश किमटा को बगावत की वजह से हार का मुंह देखना पड़ा था। निर्दलीय डा. सुभाष मंगलेट 13706 वोट ले गए थे, जो कुल मतदान का 22.03 फीसदी था। रजनीश किमटा को 33.49 तो भाजपा के बलवीर को 41.58 फीसदी वोट मिले थे। सुभाष मंगलेट की अभी तक कांग्रेस में वापसी नहीं हुई है। अर्की विधानसभा क्षेत्र में भले की कांग्रेस चुनाव जीत गई हो, लेकिन कभी पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह के खास राजेंद्र ठाकुर निर्दलीय मैदान में थे। उन्होंने 26075 वोट हासिल किए और दूसरे नंबर पर रहे। यहां भाजपा के गोविंद शर्मा 13444 हजार वोट हासिल किए, जो कुल मतदान का 18.28 प्रतिशत था।

संजय अवस्थी को 30897$, राठौर को मिले थे 19447

कांग्रेस के संजय अवस्थी को 30897 वोट हासिल हुए थे, जो कुल मतदान का 42.02 फीसदी था। ठियोग विधानसभा क्षेत्र में भी कांग्रेस के कुलदीप राठौर 19447 वोट लेकर चुनाव जीते थे, लेकिन यहां कांग्रेस की तरफ से बागी विजयपाल खाची 4576 वोट ले गए थे। जयसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र में हालांकि बगावत का कोई बड़ा असर नहीं हुआ। लेकिन यहां से बागी होकर मैदान में उतरने वालों के लिए भी अभी तक दरवाजे बंद ही हैं।