Result: सरकारी-प्राइवेट स्कूलों में कांटे की टक्कर

नरेन कुमार—धर्मशाला

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित जमा दो की सभी संकायों की वार्षिक परीक्षाओं में आट्र्स में सरकारी स्कूलों का दबदबा रहा है। साथ ही कॉमर्स में मुकाबला लगभग बराबरी का ही रहा है, जबकि साइंस विषय में प्राइवेट स्कूल टॉप-10 की मैरिट लिस्ट में एकाधिकार कर लिया है, इसमें नाममात्र सरकारी स्कूल ही शामिल हो पाए हैं।

इस बार मैरिट के तीन स्ट्रीमों के कुल 90 स्थानों में से 40 में सरकारी स्कूलों का दबदबा रहा है, जबकि प्राइवेट साइंस की बदौलत 50 में स्थान बना पाए हैं। ऐसे में इस बार सरकारी व निजी स्कूलों के छात्रों में टॉप-10 के मेधावियों में स्थान बनाने के लिए कांटे की टक्कर रही है। हालांकि शिक्षा बोर्ड की इस बार जारी ओवरऑल की सूची में निजी स्कूल का ही दबदबा देखने को मिल रहा है। ओवरऑल तीनों स्ट्रीमों की सूची में कुल 41 टॉप-10 छात्र शामिल हुए हैं, जिसमें 31 निजी व मात्र 10 ही प्राइवेट स्कूलों को स्थान मिल पाया है। आटर्स विषय के मैरिट टॉप-10 में शामिल सभी 38 स्थानों में से 26 में सरकारी और 12 में ही प्राइवेट स्कूल शामिल हो पाए है। साथ ही कॉमर्स में भी सरकारी स्कूलों ने बराबरी की टक्कर देते हुए कुल 21 टॉपरों में 10 और 11 में प्राइवेट स्कूलों के छात्र हैं। वहीं सांईस में कुल 31 टॉप-10 में रहने वाले छात्रों में 27 प्राइवेट से हैं, जबकि सरकारी स्कूल मात्र चार छात्रों तक ही सिमट कर रह गए हैं।

सांईस विषय में सरकारी स्कूलों के छात्र काफी पीछे नज़र आ रहे हैं, जबकि आट्र्स और कॉमर्स में सरकारी स्कूल पूरी तहर से प्राइवेट स्कूलों पर भारी पड़ रहे हैं। हालांकि ओवरऑल के कुल 41 छात्रों की सूची में सरकारी मात्र 10 स्थानों पर ही सिमट कर रह गए हैं, जबकि निजी ने 31 पर कब्जा कर लिया है। ऐसे में सरकारी स्कूलों में इन्फास्ट्रक्चर व वेतन सहित अन्य सुविधाओं पर करोड़ों रुपए केंद्र व राज्य सरकारों की ओर से खर्च किए जाने पर कई सवालिया निशान उठ रहे हैं। उधर, शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष एवं डीसी कांगड़ा हेमराज बैरवा ने बताया कि इस बार टॉपर सूची में 40 सरकारी और 50 प्राइवेट स्कूलों ने अपना स्थान बनाया है। उन्होंने सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले छात्रों के बेहतर रिजल्ट देने पर खुशी जताते हुए आगामी समय में परिणाम को ओर अच्छा बनाने की बात अध्यापकों व छात्रों से की है।