वोटिंग में 80% का लक्ष्य पाना है महिलाओं को मतदान केंद्र तक लाना है

चुनाव में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर काम कर रहा आयोग

राकेश शर्मा — शिमला

लोकसभा चुनाव में महिलाओं का कमजोर मत प्रतिशत निर्वाचन विभाग के लिए बड़ी चुनौती है। इसे साधने के लिए विभाग उन विधानसभा क्षेत्रों की छंटनी कर रहा है, जहां मतदान केंद्र तक पुरुषों के मुकाबले कम महिलाएं वोट डालने पहुंचती हैं। निर्वाचन विभाग ने प्रदेश भर 68 विधानसभा क्षेत्रों में से आठ उन विधानसभा क्षेत्रों का चयन किया है, जहां महिलाओं का मत प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले पांच से आठ प्रतिशत कम रहा है। इन विधानसभा क्षेत्रों में नेहरू युवा केंद्र की मदद से निर्वाचन विभाग मत प्रतिशत बढ़ाने का प्रयास शुरू कर चुका है। खास बात यह है कि महिलाओं के कम मतदान का असर इन विधानसभा क्षेत्रों के कुल मतदान पर भी पड़ा है। भरमौर में बीते चुनाव में 64.53 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या ज्यादा थी। 65.85 प्रतिशत पुरुष मतदाताओं ने यहां मतदान किया था, जबकि महिलाओं का मतप्रतिशत 63.14 प्रतिशत रहा और इस वजह से कुल मतदान 65 फीसदी से भी कम हो गया।

जिन आठ विधानसभा क्षेत्रों का चयन किया गया है, उनमें कुल मतदान 64 से 80 फीसदी के बीच रहा है। इन विधानसभा क्षेत्रों में महिलाओं का मत प्रतिशत 63 से 77 प्रतिशत के बीच है, जबकि पुरुषों का मत प्रतिशत 65 से 80 फीसदी के बीच रहा है। पूरे प्रदेश में 72 फीसदी मतदान हुआ था और इसमें नाहन में बंपर वोटिंग देखने को मिली थी। इस मतदान 79.17 फीसदी रहा था। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 80.35 प्रतिशत थी, महिलाओं का मतदान में योगदान 77.94 फीसदी ही था। अब निर्वाचन विभाग महिलाओं के इस मतप्रतिशत को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है और छंटनी प्रक्रिया में आठ विधानसभा क्षेत्रों का चयन किया गया है।