टिकट कटा, इस भाजपा नेता ने छोड़ी पार्टी

 सांसद उन्मेष पाटिल ने थामा उद्धव गुट का दामन

एजेंसियां — मुंबई
भाजपा को अनुशासित पार्टी के तौर पर देखा जाता है। यहां तक कि लोकसभा चुनाव में टिकट कटने के बाद भी वरुण गांधी, संतोष गंगवार और वीके सिंह जैसी नामी नेता चुप हैं और पार्टी के फैसले के सम्मान की बात कर रहे हैं, लेकिन महाराष्ट्र भाजपा में पहली बगावत देखी गई है। जलगांव सीट से सांसद उन्मेष पाटिल को भाजपा ने इस बार टिकट नहीं दिया है और अब वह उद्धव ठाकरे की शिवसेना में चले गए हैं। बुधवार को उन्होंने उद्धव ठाकरे को शिवसूत्र बांधा और शिवसेना उद्धव ठाकरे की मेंबरशिप ले ली। उन्मेष पाटिल के पार्टी छोडऩे को जलगांव में भाजपा के लिए झटका माना जा रहा है।

उन्मेष पाटिल के साथ उनके तमाम समर्थकों ने भी शिवसेना की मेंबरशिप ली। कहा जा रहा है कि वह टिकट कटने से नाराज थे। इसके बाद से ही वह भाजपा पर हमला भी कर रहे थे। उद्धव के खेमे में आते हुए पाटिल ने कहा कि यदि आत्मसम्मान सुरक्षित नहीं रहता है तो फिर रुकने की कोई वजह नहीं है। वह अपने समर्थकों के साथ मातोश्री पहुंचे और शिवसेना उद्धव की मेंबरशिप ली। इस दौरान संजय राउत भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि मेरी यह लड़ाई किसी पद के लिए नहीं है बल्कि आत्मसम्मान की है। यह विकास की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि मैं तो गठबंधन का सांसद था। ऐसे में यदि एक भाई मेरे साथ विश्वासघात करता है तो दूसरा भाई मेरे साथ खड़ा है।

पटनायक के गढ़ में बीजेपी को झटका, पात्रा ने छोड़ा साथ

भुवनेश्वर। लोकसभा चुनाव को लेकर देश में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। इसी बीच ओडिशा में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी उपाध्यक्ष भृगु बक्शी पात्रा ने प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। कहा जा रहा है कि उन्होंने यह फैसला बेरहामपुर लोकसभा सीट से टिकट न मिलने की वजह से लिया है। ओडिशा बीजेपी अध्यक्ष मनमोहन सामल को संबोधित लेटर में उन्होंने पार्टी में अपने 23 साल के योगदान की नजरअंदाजी पर अफसोस जताया है। उन्होंने जिम्मेदारियों को लगन से पूरा करने के बावजूद पार्टी नेतृत्व द्वारा महत्त्व न मिलने का भी जिक्र किया है। लेटर में पात्रा ने लिखा कि मैंने पार्टी और ओडिशा के लोगों की भरपूर सेवा की। मगर, मुझे लगा कि मेरे योगदान को अब आवश्यक नहीं समझा जा रहा है। भारी मन से मैंने अपना इस्तीफा देने और अपने राज्य के लोगों की सेवा जारी रखने के लिए आगे बढऩे का फैसला किया है।