भाजपा लगाएगी चौका या कांग्रेस को मिलेगा मौका

भाजपा के लिए जीत का सिलसिला बरकरार रखने की चुनौती, कांग्रेस को 15 साल का सूखा खत्म करने का चैलेंज

पवन कुमार शर्मा — धर्मशाला

2024 के लोकसभा चुनाव की तारीख तय होने के बाद दोनों दलों ने अपना प्रचार तेज कर दिया है हालांकि अभी कांग्रेस सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में नहीं उतार पाई है। कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र की बात करें, तो इस बार होने वाले चुनाव काफी रोचक हो सकते हैं। केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा इस बार जीत का चौका लगाने की तैयारी में जुटी है, तो वहीं 15 साल बाद कांग्रेस फिर से अपने प्रत्याशी को दिल्ली पहुंचाने का मौका ढूंढ रही है। सत्ता के संग्राम में बाजी हमेशा मतदाताओं के हाथ में रहती है, लेकिन दोनों सियासी दल चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोडऩा चाहते हैं। भाजपा के लिए यह सीट जीतना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि 2014 से लेकर अब तक यहां का भाजपा का वर्चस्व रहा है।

पिछले लोकसभा चुनावों की बात करें, तो कांगड़ा-चंबा के मतदाताओं ने भाजपा प्रत्याशी किशन कपूर को रिकॉर्ड मतों से जिता कर देश भर में दूसरी सबसे बड़ी जीत दिलाई थी। वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए भाजपा के गढ़ में सेंध लगाकर कांग्रेस प्रत्याशी को संसद तक पहुंचाना बड़ा चैलेंज रहेगा। हिमाचल प्रदेश में कुल चार लोकसभा सीटों के लिए सातवें चरण में पहली जून को मतदान होना है, जबकि मतों की गिनती चार जून को होगी। विदित रहे कि हिमाचल प्रदेश की चार लोकसभा सीटों में प्रमुख कांगड़ा पर सबके निगाहें रहती हैं। 17 विधानसभा सीटों वाले कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में चंबा, चुराह, डलहौजी, भटियात, नूरपुर, जवाली, फतेहपुर, नगरोटा, शाहपुर, बैजनाथ, पालमपुर तथा धर्मशाला, इंदौरा, ज्वालामुखी, सुलाह, कांगड़ा, जयसिंहपुर विस क्षेत्र शामिल हैं। (एचडीएम)

लोकसभा चुनाव-2019

2019 में कांगड़ा सीट पर कुल 14,27,338 मतदाता थे। इस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी किशन कपूर को जीत हासिल हुई थी। किशन कपूर को कुल 7,25,218 वोट मिले थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पवन काजल को प्रत्याशी बनाया था जो कुल 2,47,595 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे। कांगड़ा की इस सीट पर लोकसभा चुनाव 2019 में जीत का अंतर 4,77,623 था।

किसके हाथ सत्ता की चाबी

कांगड़ा-चंबा लोकसभा सीट की बात करें तो यहां पर जातीय समीकरणों का खूब बोलबाला रहता है। बेशक राजनीतिक दल समीकरणों को नकारते हों, लेकिन चुनावों में इनका सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिलता है। 17 विधानसभा क्षेत्रों में ओबीसी और एसटी मतदाताओं का काफी अहम रोल रहने वाला है। क्योंकि इन दो वर्गों के वोटर कुल मतदाताओं से सबसे ज्यादा हैं।

2014 का लोकसभा चुनाव

कांगड़ा में 2014 के चुनाव में कुल 12,58,601 मतदाता दर्ज थे, जिसमें 7,99,445 लोगों ने मतदान किया था। इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 3,92,927 थी तथा महिला मतदाताओं की संख्या 4,06,518 थीं। इस चुनाव में शांता कुमार ने कांग्रेस के उम्मीदवार चंद्र कुमार को कुल 1,70,072 मतों से हराया था। इस चुनाव में शांता कुमार को कुल 4,56,163 वोट प्राप्त हुए थे, तो दूसरे स्थान पर रहे कांग्रेस के उम्मीदवार चंद्र कुमार को कुल 2,86,091 प्राप्त हुए थे।