लोकसभा चुनाव में पहली बार वोट डालेंगे 23,870 मतदाता

विधानसभा चुनाव-2022 में पंजीकृत थे 55 लाख 92 हजार वोटर, अब तक 56 लाख 16 हजार से ज्यादा वोटजऱ् का हो चुका है पंजीकरण

राकेश शर्मा — शिमला

लोकसभा चुनाव में सत्ता पाने के लिए सभी प्रत्याशियों को पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं को भी साधना होगा। कांग्रेस या भाजपा के कैडर से जुदा इन मतदाताओं की तादाद बीते करीब डेढ़ साल में तेजी से बढ़ी है और यदि ये सभी मतदान केंद्र तक पहुंचते हैं, तो किसी भी दल को सत्ता का स्वाद चखा सकते हैं। आज बात उन 23 हजार 870 मतदाताओं की, जो नवंबर, 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद से अब तक पंजीकृत हुए हैं। ये वे मतदाता हैं, जिन्होंने इस अवधि में 18 साल की आयु पूरी की है और सभी लोकसभा में पहली बार मतदान करेंगे। विधानसभा चुनाव के दौरान नवंबर, 2022 में प्रदेश में 55 लाख 92 हजार मतदाता पंजीकृत थे, जो लोकसभा चुनाव आने तक बढक़र 56 लाख 16 हजार से ज्यादा हो चुके हैं। अभी भी नए मतदाताओं का पंजीकरण अभियान जारी है और इस संख्या में थोड़ी और बढ़ोतरी की संभावना है। हालांकि निर्वाचन विभाग के सामने पंजीकरण के बाद बड़ी चुनौती मतदाताओं को पोलिंग बूथ तक लाने की जरूर रहने वाली है। 2019 के लोकसभा चुनाव में करीब 72 फीसदी मतदान हुआ था।

लोकसभा के लिए यह अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। अब निर्वाचन विभाग ने इसे 80 फीसदी पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। 2022 के विधानसभा चुनाव के मतप्रतिशत में बड़ा उछाल देखने को मिला था। 75.78 फीसदी मतदाताओं ने विधानसभा में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। विधानसभा के समय पंजीकृत 55 लाख 92 हजार 870 मतदाताओं में से 42 लाख 38 हजार 412 मतदाता वोट डालने पहुंचे थे। इस चुनाव में कांग्रेस ने 40 सीटें जीती और भाजपा को 25 सीटें मिल पाई थी। हालांकि वोट प्रतिशत में ज्यादा अंतर नहीं था। मतदान केंद्रों तक पहुंचे वोटरों में से 18 लाख 52 हजार 504 ने कांग्रेस प्रत्याशियों के सामने वाला बटन दबाया था।

18 लाख 14 हजार 530 वोटरों ने भाजपा को अपना समर्थन दिया था। दोनों बड़े राजनीतिक दलों के बीच महज 0.90 प्रतिशत वोटों का ही अंतर था और इस अंतर ने कांग्रेस को सत्ता की चाबी दे दी थी। हालांकि निर्वाचन विभाग का लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा वोटरों को मतदान केंद्रों तक लाने का है। फिर वे चाहे किसी भी पार्टी को वोट दें। निर्वाचन विभाग ने लोकसभा चुनाव के लिए 80 फीसदी मतदान का लक्ष्य रखा है। हिमाचल में मतदाता इस लक्ष्य को छू लेते हैं तो यह अब तक मतदान का सबसे बड़ा रिकॉर्ड होगा।