कांग्रेस प्रत्याशी का लोकसभा चुनाव लडऩे से इनकार

फंड न मिलने पर लौटाया टिकट
भाजपा के संबित पात्रा के खिलाफ लड़ रही थीं चुनाव

एजेंसियां — भुवनेश्वर
गुजरात की सूरत और मध्य प्रदेश की इंदौर सीट के बाद कांग्रेस को एक और करारा झटका लगा है। पुरी सीट से कांग्रेस की प्रत्याशी सुचारिता मोहंती ने फंड की कमी का हवाला देकर चुनाव लडऩे से इनकार कर दिया है। उन्होंने कांग्रेस से अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है। बता दें कि ओडिशा की पुरी सीट हॉटसीट में से एक है। यहां भाजपा के दिग्गज नेता संबित पात्रा मैदान में हैं। बता दें कि कांग्रेस प्रत्याशी के नाम वापस लेने के बाद संबित पात्रा के लिए रास्ता आसान हो गया है। बता दें कि इससे पहले सूरत सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी रहे नीलेश कुम्भणी का नामांकन ही रद्द हो गया था। इसके अलावा अन्य प्रत्याशियों ने अपना नामांकन वापस ले लिया। इस तरह भाजपा के मुकेश कुमार चुनाव होने से पहले ही निर्विरोध जीत गए। वहीं इंदौर लोकसभा सीट का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। यहां से कांग्रेस ने अक्षय बम को उम्मीदवार बनाया था। बाद में उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया।

अब इंदौर सीट पर भी कांग्रेस का कोई उम्मीदवार नहीं है। पुरी सीट से कांग्रेस का टिकट लौटाने वाली मोहंती ने बताया कि उनको पार्टी की तरफ से फंड नहीं मिल रहा है। ऐसे में पैसे की कमी के चलते वह चुनाव लडऩे में सक्षम नहीं हैं। सुचारिता ने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल को पत्र लिखा था। उन्होंने पत्र में कहा कि पार्टी की तरफ से राशि न मिलने की वजह से वह चुनाव प्रचार भी नहीं कर पा रही हैं। बता दें कि 25 मई को छठे चरण में पुरी सीट पर मतदान होना है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में भी सात सीटों पर जिताऊ उम्मीदवारों को टिकट नहीं दिया गया है। कमजोर प्रत्याशियों को मैदान में उतारा गया है। उन्होंने कहा कि टिकट लौटाने के बाद भी कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। पार्टी की तरफ से कहा गया कि प्रचार के लिए खुद ही व्यवस्था करनी होगी। पार्टी इसमें कोई मदद नहीं कर सकती। मोहंती ने कहा कि मैं चाहती थी कि विधानसभा सीटों पर मजबूत प्रत्याशी हों तो लोकसभा के लिए प्रचार में भी आसानी हो। उन्होंने बताया कि टिकट बहुत ही लोकतांत्रिक तरीके से मिला था। आम तौर पर पार्टी प्रत्याशियों को फंड देती है। भाजपा ने इतने प्रतिबंध लगा दिए हैं कि पार्टी के लिए भी मुश्किल हो रहा है। पार्टी के सामने भी बड़ी चुनौती है। भाजपा नहीं चाहती की कांग्रेस ठीक से प्रचार कर पाए। ऐसे में पार्टी भी मजबूर है और वह अपने प्रत्याशियों की मदद नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि हमारे विरोधियों के पास अच्छा पैसा है। मैंने सोशल मीडिया पर डोनेशन के लिए भी कैंपेन चलाया था, लेकिन इतने कम समय में पैसा नहीं जुटाया जा सकता। मैंने लोगों पर आधारित कैंपेन भी चलाने की कोशिश की लेकिन इसके लिए भी कुछ पैसा चाहिए होता है। अब समय बहुत कम बचा था ऐसे में मुझे टिकट लौटाना पड़ा।