एनसीडीआरसी के सदस्यों को सुप्रीम फटकार, अवमानना का नोटिस

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के दो सदस्यों को कड़ी फटकार लगाई है और उन्हें अवमानना का नोटिस थमाया है। शीर्ष अदालत ने एक रियल एस्टेट फर्म के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई करने से परहेज करने के अपने पहली मार्च के आदेश का उल्लंघन करने के खिलाफ ये आदेश दिया है। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ के सामने एनसीडीआरसी के सदस्य सुभाष चंद्रा और डा. साधना शंकर खुद पेश हुए थे। इन दोनों ने शीर्ष अदालत के स्थगन आदेश के बावजूद रियल एस्टेट कंपनी के निदेशकों को गैर-जमानती वारंट जारी किए थे।

आयोग के दोनों सदस्यों को पीठ ने कड़ी फटकार लगाई और पूछा कि स्थगन के बावजूद आपने गैर जमानती वारंट कैसे जारी किया? इसके साथ ही खंडपीठ ने पूछा कि आप दोनों अदालत को यह बताएं कि आपके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए? हालांकि, दोनों सदस्यों ने हलफनामा दायर कर कोर्ट को बताया कि उनसे अनजाने में ये गलती हुई है लेकिन टॉप कोर्ट इससे संतुष्ट नहीं हुआ।