डा. राठौर के हुनर से भारतीय क्रिकेटर फिट

बीसीसीआई का लेवल-1 टेस्ट पास करने वाले पहले हिमाचली स्पोर्ट्स फिजियोथैरेपिस्ट

धर्मशाला— हिमाचली सपूत डा. सुरेश राठौर प्रदेश के पहले स्पोर्ट्स फिजियोथैरेपिस्ट बन देशभर में अपनी सेवाएं देकर नाम चमका रहे है। विभिन्न राज्यों में नेशनल कैंपों में डा. सुरेश ने अपने काम के दम पर अपनी पहचान बनाई है। डा. सुरेश हिमाचल के उभरते हुए क्रिकेट खिलाडि़यों को खेल के मैदान में चोट से बचाव और उससे उभरने के टिप्स देकर उन्हें इंटरनेशनल लेवल पर पहुंचने में मदद कर रहे हैं। यही नहीं, साथ ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाडि़यों के लिए भी वह फिजियो के रूप में काम कर रहे हैं। इसके साथ ही वह प्रदेश में होने वाले आईपीएल, वनडे व टेस्ट सहित अन्य मैचों में डोप की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। डा. सुरेश राठौर जिला मंडी के चौंतड़ा से संबंध रखते है। उनके पिता कैप्टन पीएस राठौर भारतीय सेना से सेवानिवृत्त है, और माता रमा राठौर गृहिणी हैं। डा. सुरेश ने अपनी प्रांरभिक शिक्षा चाैंतड़ा से गृहण की। इसके बाद उन्होंने बैजनाथ व जमा दो तक की शिक्षा लुधियाना से प्राप्त की। उन्होंने स्नातक की डिग्री फिजियोथैरेपी में राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज बंगलूर से प्राप्त की। एचएनबी गढ़वाल यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री इन स्पोर्ट्स फिजियोथैरेपी में प्राप्त की। इसके बाद फरवरी 2008 में बीसीसीआई लेबल-1 का टेस्ट पास किया। श्री राठौर बीसीसीआई का लेबल-1 टेस्ट पास करने वाले पहले हिमाचली बने। टेस्ट पास करने के बाद हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन में अक्तूबर 2008 में बतौर स्पोर्ट्स फिजियो ज्वाइन किया। डा. राठौर पिछले नौ साल से हिमाचल राज्य टीम के खिलाडि़यों की फिटनेस का जिम्मा संभाल रहे है। इसके साथ ही वह खिलाडि़यों की चोट को भी जल्द रिकवर करने में अपना अहम योगदान दे रहे हैं। डा. सुरेश वर्ष, 2016 में आईसीसी वर्ल्ड कप में बतौर डोप कंट्रोल आफिसर के रूप में अहम पद पर भी सेवाएं दे चुके हैं। इतना ही नहीं, डा. सुरेश हिमाचल प्रदेश में कोचिंग स्टाफ सहित  खिलाडि़यों को मैच के दौरान फर्स्ट एड की ट्रेनिंग भी देते हैं।

उपलब्धियां ऐसी

डा. राठौर ने राष्ट्रीय स्तर के कैंप में पहली बार 2009, 2012, 2013 में मैसूर एमर्जिंग टीम के साथ, 2010 में इंडिया-ए टीम के साथ रहे। वर्ष, 2009 में वह बीसीसीआई कारपोरेट कप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

दिग्गजों को ट्रेनिंग

डा. राठौर ने 2009 में नॉर्थ जोन कैंप पालम मैदान, नई दिल्ली में अपनी सेवाएं दीं। उस कैंप में उन्मुक्त चंद व कुलदीप यादव ने भी हिस्सा लिया था। इसके बाद 2014 में धर्मशाला, 2015 व 2016 में मोहाली में उन्होंने अपनी सेवाएं दी हैं।

समाज सेवा में आगे

स्नातक डिग्री के इंटर्नशिप डा. सुरेश ने आईजीएमसी शिमला में पूरी की। इस दौरान उन्होंने एनजीओ के साथ काम किया, जो कि दिव्यांग बच्चों के लिए कार्य कर रही थी। उन्होंने उस समय शिमला के आस-पास के गावों में जाकर दिव्यांग बच्चों का इलाज किया।