शिमला सबसे साफ पहाड़ी शहर

स्वच्छता सर्वेक्षण में पहाड़ों की रानी को ओवरआल 47वां रैंक, मध्य प्रदेश के इंदौर को मिला पहला स्थान

शिमला, नई दिल्ली— शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जनवरी-फरवरी 2017 में देश के 434 शहरों में करवाए गए स्वच्छता सर्वेक्षण में पहाड़ों की रानी शिमला ने 47वां रैंक हासिल किया है। शिमला के लिए यह बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि वर्ष 2011 में हुए सर्वेक्षण में शिमला 292वें रैंक पर था, जबकि वर्ष 2016 में केवल 75 शहरों में इसे 27वां रैंक मिला था। शिमला शहर नॉर्थ जोन में चौथे स्थान पर रहा है, जबकि पहाड़ी शहरों में यह देश में नंबर बन रहा। हिमाचल के लिए खुशी की बात है कि सर्वेक्षण में शामिल उसका दूसरा शहर कुल्लू भी इस मुकाबले में 259वां रैंक पाने में सफल रहा है। कुल्लू सर्वेक्षण में आगरा और पटना जैसे बड़े शहरों से आगे रहा है। इस सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश का इंदौर पहले स्थान रहा, जबकि सिटी ब्यूटिफुल के नाम से मशहूर चंडीगढ़ को 11वां स्थान मिला। हिमाचल के दो ही शहरों में यह सर्वेक्षण हुआ था। शिमला का 47वां रैंक प्राप्त करना प्रदेश के लिए बड़ी बात है। माना जा रहा है कि इस रैंकिंग का फायदा स्मार्ट सिटी की दौड़ में भी शिमला को मिल सकता है। जिस दौरान शिमला में स्वच्छता सर्वेक्षण हुआ था तो उस दौरान नगर निगम की कमान पूर्व आयुक्त पंकज राय के पास थी। उन्होंने इस अभियान में शिमला के सर्वश्रेष्ठ प्रर्दशन के लिए कई प्रयास किए थे। शिमला में कार्मशियल कांप्लेक्स और बाजारों की सफाई दो से तीन बार तक करवाई गई। डोर-टू-डोर गारबेज क्लेक्शन योजना को और बेहतर करने के लिए हेल्पलाइन चलाना, व्हाट्सऐप पर लोगों की शिकायतों का दर्ज करवाना, विभिन्न स्थानों का औचक निरीक्षण करना और सैहब सोसायटी कर्मचारियों के साथ तालमेल स्थापित करना पूर्व आयुक्त के उन प्रयासों में शामिल है, जिनसे शिमला में स्वच्छता व्यवस्था में सुधार हुआ है।

सर्वेक्षण के मानदंड और प्रक्रिया

शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जनवरी-फरवरी 2017 में कराए गए स्वच्छता सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य शहरों और कस्बों को खुले में शौच से मुक्त कराने और नगर पालिका के ठोस कचरा प्रबंधन की प्रक्रिया में सुधार,  प्राथमिकता आधारित स्वच्छता के परिदृश्य में सुधार के बारे में जानकारी हासिल करना था।

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