विंबलडन चैंपियन बनने का इनाम
अगले साल खेलने की गारंटी नहीं
लंदन — विंबलडन ग्रैंड स्लैम का आठवीं बार खिताब जीतकर इतिहास रचने वाले स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर संभवतः अगले वर्ष यहां अपने खिताब का बचाव करने नहीं उतरेंगे। फेडरर ने क्रोएशिया के मारिन सिलिच को हराकर विंबलडन में रिकार्ड आठवीं बार खिताब जीता है, जो उनका कुल 19वां ग्रैंड स्लैम खिताब भी है, लेकिन कुछ सप्ताह बाद 36 वर्ष के होने जा रहे स्विस मास्टर ने यह कहकर प्रशंसकों को कुछ दुविधा में डाल दिया है कि वह इस बात की गांरटी नहीं दे सकते कि अगले वर्ष फिर से आल इंग्लैंड में खेलने आएंगे। 14 वर्ष पहले फेडरर ऑल इंग्लैंड क्लब में खेलने आए थे और अब 35 साल की उम्र में उन्होंने यहां आठवीं बार खिताब जीता है। वह रिकार्ड 11वीं बार विंबलडन फाइनल खेलने वाले भी पहले टेनिस खिलाड़ी हैं, जिन्होंने पहली बार फाइनल में पहुंचे क्रोएशियाई खिलाड़ी को लगातार सेटों में आसानी से हराया। उन्होंने कहा कि उम्र और गत वर्ष चोट के बाद वह यह नहीं कह सकते हैं कि अगले वर्ष अपने खिताब का बचाव करने यहां उतरेंगे या नहीं। 35 वर्षीय टेनिस खिलाड़ी ने कहा कि उम्मीद करूंगा कि वापस आ सकूं, लेकिन कोई गांरटी नहीं दे सकता।
41 साल बाद बिना सेट गंवाए जीता खिताब
फेडरर ने इस बार पूरे विंबलडन टूर्नामेंट के दौरान बगैर कोई सेट गंवाए खिताब हासिल किया। इस टूर्नामेंट के इतिहास में 41 वर्षों बाद ऐसा मौका आया, जब किसी खिलाड़ी ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान बगैर कोई सेट गंवाए खिताब हासिल किया। इससे पहले 1976 में महान स्वीडिश खिलाड़ी ब्योर्न बोर्ग ने ऑल इंग्लैंड क्लब में बिना कोई सेट गंवाए विंबल्डन खिताब हासिल किया था।
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