हिमाचली हुनर ने छुआ आसमान

हेमलता को नेल्सन मंडेला सद्भावना पुरस्कार

मंडी – छोटी काशी मंडी की अध्यापिका हेमलता उपाध्याय ने प्रदेश का नाम दुनियाभर में रोशन किया है। हेमलता उपाध्याय को यूनिवर्सिटी ऑफ  मॉरीशस के वाइस चांसलर प्रोफेसर धनजय झुर्री ने अंतरराष्ट्रीय नेल्सन मंडेला सद्भावना अवार्ड से सम्मानित किया है। इसके साथ ही उन्हें सर्टिफि केट ऑफ  एक्सीलेंस- 2017 से भी नवाजा गया है। हाल में ही मॉरीशस में संपन्न हुए समारोह में उन्हें यह अवार्ड दिए गए हैं। इस अंतरराष्ट्रीय अवार्ड का आयोजन मॉरीशस के कमरल बालरूम ली मेरीडियन विलेज के सभागार में आयोजित किया गया। इसमें हिमाचल प्रदेश से हेमलता एकमात्र शिक्षिका थीं, जिन्हें इस उपाधि से नवाजा गया। हेमलता उपाध्याय को यह अवार्ड जनजातीय एवं दूरदराज के क्षेत्र में लड़कियों को स्कूल में दाखिला लेने व शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित करने और स्वावलंबी बनाने के लिए दिया गया है। मॉरीशस में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में मॉरीशस यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर धनजय झुर्री के अतिरिक्त भारत के पूर्व राजदूत डा. वीबी सोनी, सचिव हाई कमीशन ऑफ इंडिया मॉरीशस आकाश गुप्ता व सचिव होली मेरी ग्रुप हैदराबाद अरिमिंदा विजिया शारदा रेड्डी भी उपस्थित रहे। बता दें कि वर्तमान में हेमलता उपाध्याय राजकीय उच्च माध्यमिक पाठशाला बरयारा में बतौर प्रधानाचार्य तैनात हैं। पुरुस्कार वितरण समारोह के अवसर पर हेमलता के सम्मान में विशेष तौर पर एक वीडियो चलाया गया, जिसमें उनके द्वारा किए गए असाधारण प्रयासों के बारे में बताया गया। इस पुरस्कार वितरण समारोह में भारतवर्ष से विभिन्न क्षेत्रों के लगभग 14 और दिग्गजों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर हेमलता उपाध्याय ने कहा कि हेमलता ने कहा की शिक्षा विभाग में उनकी पहली नियुक्ति करसोग उपमंडल के बगशाड़ क्षेत्र में 1984 में हुई थी। उन्होंने बताया कि बहुत से बच्चों ने उनके द्वारा प्रेरित करने के बाद स्कूल में दाखिला लिया और आज वे सभी आत्मनिर्भर हैं। जब उन्होंने अन्य कबायली और दूरदराज के क्षेत्रों में सेवाएं दीं तो बालिकाओं को शिक्षा के लिए प्रेरित किया, जिनमे कुछ घुमंतू चरवाहों की बेटियां भी शामिल हैं।

शाहपुर की बेटी देश भर में अव्वल

शाहपुर –  देश भर में प्रदेश का नाम रोशन करने वाली आईटीटाई शाहपुर की कम्प्यूटर संकाय की सत्र 2015-16 की महिला प्रशिक्षु सरिता देवी को सोमवार को हिमाचल सरकार ने सम्मानित किया। प्रदेश सरकार के परिवहन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा तकनीकी शिक्षा मंत्री जीएस बाली ने अखिल भारतीय कौशल प्रतियोगिता में भारतवर्ष में प्रथम स्थान हासिल करने वाली शाहपुर उपमंडल के अंतर्गत आने वाले छोटे से गांव झरेड़ की इस बेटी को 50 हजार रुपए का चेक देकर सम्मानित किया। इसके अलावा उन्होंने अपनी जेब से 21 हजार रुपए देने की भी घोषणा की। सरिता देवी ने राष्ट्रीय स्तर पर यह परीक्षा इसी वर्ष मई महीने में मुंबई में दी थी। इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के लिए उसका चयन छह से नौ मार्च तक राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान मंडी में आयोजित राज्य स्तरीय कौशल प्रतियोगिता में उम्दा प्रदर्शन के आधार पर हुआ था। इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा निदेशक राजेश्वर गोयल ने सरिता देवी को मैरिट सर्टिफिकेट दिया। साथ ही सरिता देवी के अनुदेशक रहे मनोज सिंह को भी इस उपलब्धि के लिए तकनीकी शिक्षा मंत्री ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। केंद्र सरकार भी इस उपलब्धि के लिए सरिता को मैरिट सर्टिफिकेट और 50 हजार रुपए का नकद पुरस्कार देगी।  शाहपुर तहसील के अंतर्गत आने वाले झरेड़ गांव की सरिता देवी ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी दादी माया देवी, माता मीना देवी, पिता टेक सिंह, प्रधानाचार्य एसके लखनपाल, अनुदेशक मनोज सिंह, रॉबिन चौधरी व सुनील दत्त को दिया है। सरिता देवी वर्तमान में बीएसएनएल के कांगड़ा स्थित कार्यालय में कार्यरत है। आईटीआई शाहपुर के प्रधानाचार्य एसके लखनपाल ने इस सफलता के लिए सरिता के माता-पिता, संस्थान के समूह अनुदेशक संतोष नारायण, अनुदेशकों और आईएमसी के चेयरमैन रोशनलाल खन्ना को बधाई दी है।  शीघ्र ही संस्थान सरिता को सम्मानित करेगा।

मंडी की आरुषि-मदन मोहन सेना में लेफ्टिनेंट

बेहतर प्रदर्शन कर पाया सिल्वर मेडल

मंडी –  मंडी की एक और बेटी ने जिला के साथ-साथ प्रदेश का नाम रोशन किया है। मंडी की आरुषि न सिर्फ भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनी हैं, बल्कि उन्हें बेहतरीन प्रदर्शन करने पर सेना ने सिल्वर मेडल के साथ नवाजा है। बता दें कि आरुषि शर्मा के पिता हरीश शर्मा सेवानिवृत्त इंजीनियर हैं, जबकि उनकी मां ललिता शर्मा भारतीय खेल प्राधिकरण उत्तरी क्षेत्र की निदेशक हैं। आरुषि शर्मा मूलतः मंडी शहर से कुछ दूर रंधाड़ा पंचायत के मंदलोग गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता हरीश शर्मा ने बताया कि आरुषि ने अपनी दसवीं और जमा दो की शिक्षा डीएवी पालमपुर से, जबकि पंजाब यूनिवर्सिटी से बीए गोल्ड मेडल के साथ की है। आरुषि ने सीडीएस की परीक्षा 2015 में पास की थी, जिसमें पूरे भारत वर्ष में उसका पांचवां स्थान था। उन्होंने कहा कि  23 सितंबर को आरुषि के घर आने पर रंधाड़ा स्कूल में धाम का आयोजन किया जाएगा।

करसोग के होनहार का पूरा हुआ सपना

शिमला – मंडी जिला की करसोग तहसील के तहत आने वाले शाकरा खरैड़ी इलाके के मदन मोहन सेना में लेफ्टिनेंट बने हैं। इससे क्षेत्र में   खुशी की लहर है। मदन मोहन के पिता संत राम शर्मा भी सेना में थे। उनकी माता का नाम निर्मला शर्मा है। मदन ने प्रारंभिक शिक्षा केंद्रीय विश्वविद्यालय काम्टी नागपुर से हासिल की। इसके साथ ही मदन ने नागपुर विश्वविद्यालय  से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। मदन मोहन के मामा पंडित रामेश्वर दत्त शर्मा ने अपने भानजे की इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है। उन्होंने बताया कि मदन मोहन शुरुआत से ही सेना में जाना चाहता था। अपने पिता संत राम शर्मा पहले सेना में नायब सूबेदार थे और इस पद से सेवानिवृत्त होने के बाद वर्तमान में आईबी में दिल्ली में कार्यरत हैं। उन्हीं से मदन को सेना में जाने की प्रेरणा मिली। उनकी इस उपलब्धि पर क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई है।