सेना को हिमाचल ने दिए छह और सपूत

टांडा के लेसर लेफ्टिनेंट

नेरचौक— बल्ह घाटी की ग्राम पंचायत सोयरा के टांडा गांव के लेसर सिंह आर्मी एयर डिफेंस में लेफ्टिनेंट बने हैं। तुला राम उर्फ रिखी तथा शंकुतला देवी के घर में जन्मे लेसर सिंह ने 2009 में जमा दो की शिक्षा नॉन मेडिकल मे अभिलाषी मॉडल स्कूल नेरचौक से पूरी की और वह 2010 में आर्मी में भर्ती हुए। 2013 में लेसर सिंह ने कमीशन क्लीयर किया और उनका चयन आर्मी एयर डिफेंस के लिए हुआ। ट्रेनिंग के बाद अब उनकी पोस्टिंग ग्वालियर मे हुई है। रविवार को बल्ह घाटी मे पहुंचने पर 28 वर्षीय लेसर सिंह का जोरदार स्वागत किया गया। सबसे पहले नेरचौक मे अभिलाषी गु्रप के चेयरमैन डा. आरके अभिलाषी और उनकी टीम ने और फिर सोयरा पंचायत में प्रधान डा. नर्वदा और ग्रामीणों ने लेसर सिंह का फूलमालाओं के साथ स्वागत किया। टांडा गांव में ग्रामीणों ने बैंड-बाजे के साथ लेसर सिंह का स्वागत किया। लेसर सिंह के पिता किसान और माता गृहिणी हैं। लेसर सिंह ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया। लेसर सिंह ने बताया कि उन्होंने आर्मी के माध्यम से देश की सेवा करने का सपना देखा था।

महाकाल के अभिलाष आर्मी अफसर

बैजनाथ, लडभड़ोल— बैजनाथ उपमंडल के गांव महाकाल के अभिलाष शर्मा भारतीय सेना में अफसर बने हैं। अभिलाष देहरादून से पासआउट होकर 16 राजपूताना रेजिमेंट में सेवाएं देंगे। अभिलाष के दादा स्व. चुनी लाल शर्मा, पिता प्रवीण शर्मा व ताया तिलक राज शर्मा भी सेना में सेवा दे चुके हैं। अभिलाष शर्मा के ताया का बेटा मेजर अभिताज शर्मा भी सेना में अधिकारी है। अभिलाष की माता सरिता शर्मा गृहिणी हैं और बहन प्रिया शर्मा दंत चिकित्सक हैं। अभिलाष शर्मा ने पांचवीं तक की शिक्षा भारतीय विद्यापीठ बैजनाथ, जमा दो तक की शिक्षा सैनिक स्कूल सुजानपुर में पूरी की। उस के बाद 2014 में उसका चयन सेना में चयन हुआ। रविवार को जब वह सेना में अधिकारी के रूप में अपने गांव महाकाल पहुंचा तो  गांव के लोगों ने उसका जोरदार स्वागत किया। इस मौके पर राजेश राणा, संजीव शर्मा, अशोक शर्मा, विवेक अवस्थी, राज कमल, विमल आचार्य, राजेश शर्मा, काशी नाथ शर्मा, नितेश, आर्यन, विद्या देवी, राज शर्मा व रक्षा शर्मा आदि उपस्थित थे।

सच हुआ सिरमौर के शुभम का सपना

नाहन— जिला सिरमौर के सपूत ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर जिला का नाम रोशन किया है। शनिवार को बिहार के गया में आफिसर ट्रेनिंग अकादमी में शनिवार को आयोजित हुई 12वीं पासिंग आउट परेड में सिरमौर जिला के शुभम घोतरा भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने। नाहन विधानसभा क्षेत्र के कोलर गांव के शुभम घोतरा को आफिसर ट्रेनिंग अकादमी गया में उनके माता-पिता ने एक भव्य समारोह में कंधे पर सितारे लगाए। जमा दो कक्षा पास करने के बाद शुभम का चयन 2014 में 17 एसएसबी बंगलूर में टीईएस 30 कोर्स के लिए हुआ था। जनवरी, 2014 में गया में बेसिक ट्रेनिंग पूरी करने के बाद शुभम ने कालेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग पुणे से तीन वर्ष तक सिविल इंजीनियरिंग (बीटेक) की। अब वह एक वर्ष तक सीएमई पुणे से अपनी डिग्री पूरी करेंगे। इसके बाद उनकी तैनाती जनवरी, 2019 में 235 इंजीनियर रेजिमेंट में लेह में होगी। शुभम ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता जय प्रकाश व माता सुनीता को दिया है। उनके पिता इंडियन कोस्ट गार्ड मुंबई में तैनात हैं। शुभम की शिक्षा जमा दो तक सेंट्रल स्कूल से हुई है। शुभम आरंभ से ही देश सेवा का जज्बा लिए आर्मी आफिसर बनना चाहते थे।

गाहर के अंकुर सेना में लेफ्टिनेंट

घुमारवीं— घुमारवीं उपमंडल के तहत पड़ने वाली गाहर पंचायत के स्वारा गांव के अंकुर पटियाल सेना में लेफ्टिनेंट बने हैं। गांव के बेटे की इस उपलब्धि के चलते अंकुर के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। नौ दिसंबर को देहरादून में पासिंग आउट परेड समारोह में अंकुर को लेफ्टिनेंट का रैंक मिला। इस दौरान अंकुर की माता मनोरमा, पिता गजेंद्र पटियाल के साथ चाचा बलवंत पटियाल, चाची संतोष व मामा बलबीर भी उपस्थित रहे।  माता-पिता का इकलौता बेटे अंकुर का 14 वर्ष की आयु में ही ब्वायज स्पोर्ट्स कंपनी फैजाबाद की हैंडबाल टीम में चयन हुआ था। साढ़े 17 वर्ष की आयु पार करते ही सेना में एक सिपाही के रूप में सेवाएं देने के बाद उन्होंने कमीशन पास किया तथा दक्षिण अफ्रीका में अपनी सेवाएं दीं। अंकुर की तैनाती 24 राजपूत रेजिमेंट पानागढ़ बेस्ट बंगाल में हुई है।  अंकुर ने सात जनवरी, 2014 को एसएसबी पास करने के उपरांत ट्रेनिंग शुरू की थी। फैजाबाद सेंटर में खेल की बारीकियों  को सिखाने वाले ऑनरेरी सूबेदार मेजर लेफ्टिनेंट राजेश मेहता ने बताया कि अंकुर पटियाल की उपलब्धि पर उन्हें नाज है।

गोल्डी ने रोशन किया कुमारसैन का नाम 

मतियाना— उपमंडल कुमारसैन के छविशि क्षेत्र के करेवथी गांव के निवासी गोल्डी राठौर भारतीय सैन्य अकादमी से पासआउट होकर सेना में अफसर बन गए हैं। उनकी इस उपलब्धि से कुमारसैन क्षेत्र सहित जिला शिमला का नाम रोशन हुआ है। उन्होंने इस मुकाम को पाकर परिवार की सैन्य परंपरा को आगे  बढ़ाया है। उनके पिता त्रिलोक सिंह राठौर दि ग्रेनेडियर से रिटायर हैं। मां प्रभा राठौर गृहिणी है, जबकि बड़ा भाई पंकज एयर फोर्स में है। आईएमए की पीओपी में पहुंचे त्रिलोक सिंह राठौर के लिए शनिवार का दिन खास बन गया। परिवार की सैन्य परंपरा को आगे बढ़ाते हुए उनका बेटा गोल्डी राठौर भी सेना का अफसर बन गया। वह तीसरी पीढ़ी के अफसर हैं। उनके पिता से पहले उनके दादा नरोत्तम सिंह भी सेना में नायब सूबेदार पद से रिटायर्ड हैं। वह अपने पिता की रेजिमेंट दि ग्रेनेडियर में ही बतौर अफसर ज्वाइन करेंगे। उन्होंने सेना में अफसर बनने का श्रेय अपने माता-पिता को दिया।

मलां के अरविंद्र सिंह फौजी अफसर

नगरोटा बगवां— खंड नगरोटा बगवां की ग्राम पंचायत मलां के अरविंद्र सिंह डड्डा भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने हैं। अरविंद्र सिंह ने आईएमए देहरादून में नौ दिसंबर को हुई पासिंग आउट परेड में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। अरविंद्र को बचपन से ही सेना में जाने का जुनून था। हालांकि अरविंद्र का चयन बैंक में हो गया था, फिर भी उन्होंने सेना को ही चुना। अरविंद्र अपने परिवार की चौथी पीढ़ी हैं, जो भारतीय सेना में अपनी सेवाएं देगा। अरविंद्र के परदादा स्वर्गीय बुधि सिंह डड्डा पंजाब रेजिमेंट में थे। दादा भूतपूर्व सैनिक हैं, जो कि 14 डोगरा से सेवानिवृत्त हुए हैं, जबकि अरविंद्र के पिता जैक रायफल में थे, जो पिछले वर्ष स्वर्ग सिधार गए। पापा का भी सपना था कि उनका बेटा सेना में अफसर बने। अरविंद्र की माता गृहिणी हैं ओर वह तीन बहनों का इकलौता भाई है, जबकि उसें चाचा दलेल सिंह डड्डा शिक्षा विभाग में प्रोफेसर हैं।