पटियाल नेशनल रैफरी-कम-जज

बिलासपुर के कराटे किंग को ए-ग्रेड, इंटरनेशनल स्पोर्ट्स की तैयारी शुरू

बिलासपुर— बिलासपुर के कराटे किंग मनोज पटियाल अब नेशनल स्पोर्ट्स में रैफरी-कम-जज की भूमिका में दिखेंगे। श्री पटियाल ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में राष्ट्रीय स्तर पर कराटे एसोसिएशन ऑफ  इंडिया की रैफरी कम जज की परीक्षा में ए-ग्रेड हासिल किया है। बिलासपुर जिला से पटियाल पहले राष्ट्रीय स्तर के रैफरी कम जज बने हैं। किक बॉक्सिंग खेल में भी पटियाल नेशनल रैफरी कम जज बन चुके हैं, ऐसे में उनके अनुभव का बिलासपुर जिला के कराटे खिलाडि़यों को निश्चित तौर पर लाभ मिलेगा। विशेष बातचीत में मनोज पटियाल ने बताया कि हालांकि कुछ समय पहले तक वह एक कोच की भूमिका में थे और कई वर्षों तक टीम के साथ बतौर कोच जाते रहे हैं। उन्हें दो बार हिमाचल की टीम का प्रतिनिधित्व करने का अवसर भी हासिल हुआ है। 30 जनवरी को ली गई इस परीक्षा में देश भर से 200 कराटे खिलाडि़यों ने उपस्थिति दर्ज करवाई, जिसमें हिमाचल के पांच खिलाड़ी उत्तीर्ण हुए हैं, जिनमें बिलासपुर जिला के मनोज अकेले ऐसे पहले राष्ट्रीय स्तर के रैफरी कम जज बने हैं। ऐसे में अब वह इंटरनेशनल स्पोर्ट्स में रैफरी कम जज की परीक्षा देने के लिए भी योग्य हो गए हैं, उन्होंने जिसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है। श्री पटियाल के अनुसार यह परीक्षा कराटे एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष त्याग राजन और महासचिव भारत शर्मा द्वारा ली गई है। श्री पटियाल ने बताया कि वह लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रयासरत हैं।

ऐसे होता है जज पैनल

मनोज पटियाल बताते हैं कि नेशनल कराटे स्पोर्ट्स में अलग-अलग कैटेगरी रहती हैं। काता और कुमिते अलग-अलग हैं। काता स्पोर्ट्स में पांच रैफरी कम जज बैठते हैं, जबकि कुमिते स्पोर्ट्स में चार रैफरी कम जज बैठते हैं तो एक रैफरी खड़े होकर स्पोर्ट्स में भूमिका निभाता है।