डा. दिवेंद्र गुप्ता को भारत शिक्षा रत्न

नौणी के कीटवैज्ञानिक को कृषि शिक्षा में बेहतर योगदान पर मिला सम्मान

नौणी— डा. वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में कार्यरत कीटवैज्ञानिक डा. दिवेंद्र गुप्ता को प्रतिष्ठित भारत शिक्षा रतन पुरस्कार से नवाजा गया है। यह पुरस्कार उन्हें कृषि शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार क्षेत्र में उनकी सेवाओं के लिए दिया गया है। गलोबल सोसायटी फॉर हैल्थ एंड एजुकेशनल ग्रोथ ने दिल्ली के विठ्ठलभाई पटेल हाउस में आयोजित समारोह में डा. गुप्ता को यह पुरस्कार दिया। वर्तमान में डा. गुप्ता नौणी विश्वविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग में प्रमुख वैज्ञानिक के पद पर काम कर रहे हैं। अखिल भारतीय कृषि सेवा में कुछ समय लगाने के बाद डा. गुप्ता वर्ष 1990 में विश्वविद्यालय से जुड़े और जाच्छ में क्षेत्रीय स्टेशन में कार्य किया। विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में स्थानांतरण पर डा. गुप्ता ने अनुसंधान और विस्तार गतिविधियों के अलावा शैक्षिक कार्यों में भी भाग लिया। डा. गुप्ता का मुख्य अनुसंधान कार्य फल-मक्खियों पर है, जो बागबानी फसलों का एक महत्त्वपूर्ण कीट है और हर साल फल और सब्जियों को बहुत नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने फल और वनस्पति में कीट संबंधित कई समस्याओं के समाधान सुझाए हैं और अपने विभाग में फल मक्खियों की जनसंख्या की गतिशीलता और प्रबंधन का अध्ययन करने में भी बेहतरीन कार्य किया है। उन्होंने फल मक्खियों के प्रबंधन विधियों को भी तैयार किया है। डा. गुप्ता ने एक रसायन का भी मूल्यांकन किया है, जो फल मक्खी के शरीर के अंदर अंडे को खत्म करने में मदद करता है। वह इस पद्धति पर और अध्ययन कर रहे हैं। कई प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में शोध पत्रों के अलावा डा. गुप्ता के पांच अध्याय, मैनुअल और कई बुलेटिन भी प्रकाशित हुए हैं। इस अवसर पर नौणी विवि के कुलपति डा. एचसी शर्मा और अन्य संकाय ने डा. गुप्ता को शुभकामनाएं दीं।

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