एमआईटी के शोधकर्ताओं का दावा; कोविड-19 का टीका न मिला तो, अगले साल फरवरी से कहर भरपाएगा कोरोना
नई दिल्ली – देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमती नहीं दिख रही है। अब तो हर दिन 25 हजार के करीब नए कोविड-19 मरीज सामने आने लगे हैं, लेकिन, बड़ी चिंता की बात यह है कि एक स्टडी में हर दिन नए कोरोना केस का आंकड़ा बढ़कर 11 से 12 गुना ज्यादा होने की आशंका जताई गई है। मैसाचुसेट्स इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के तीन रिसर्चरों ने कहा है कि अगर कोविड-19 महामारी के इलाज का वैक्सीन नहीं मिला, तो भारत में अगले वर्ष की सर्दियों में हर दिन करीब तीन लाख नए मामले सामने आ सकते हैं। एमआईटी के शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि इन हालातों में फरवरी, 2021 से भारत में कोरोना वायरस के 2.87 लाख मामले प्रतिदिन दर्ज हो सकते हैं। यह स्टडी उन 84 देशों की टेस्टिंग और केस डाटा पर आधारित हैं, जो विश्व की कुल आबादी का 60 प्रतिशत हिस्सा हैं। एमआईटी के शोधकर्ता हाजहिर रहमनदाद, टीवाई लिम और जॉन स्टरमैन ने इस निष्कर्ष तक पहुंचे के लिए एसईआईआर मॉडल (स्टैंडर्ड मैथमैटिकल मॉडल) का इस्तेमाल किया है। संक्रामक रोग रोगों का पता लगाने के लिए एपिडेमियोलॉजिस्ट इसी मॉडल का इस्तेमाल करते हैं। शोधकर्ताओं ने यह भी दावा किया है कि इलाज न मिलने की वजह से दुनियाभर में कुल मामलों की संख्या 2021 में मार्च से मई के बीच 20 से 60 करोड़ के बीच हो सकती है। अगले साल की शुरुआत तक कोरोना संक्रमण के चलते भारत में सबसे बदतर हालात होंगे। उनका कहना है कि यह अनुमान जांच की मौजूदा गति, सरकारी नीतियों और आम लोगों का कोविड-19 के प्रति रवैये को ध्यान में रखकर जताया गया है। इसलिए, इसे संभावित जोखिम के तौर पर देखा जाना चाहिए, न कि भविष्य की गारंटी के रूप में। रिसर्चरों का कहना है कि अगर जांच में और तेजी लाई जाए और आपसी संपर्क सीमित किया जाए तो महामारी के फैलने की आशंका भी कमजोर पड़ेगी। इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो भविष्य में कोरोना का और विकराल रूप देखा जा सकता है।
84 देशों में 4.75 अरब लोगों के आंकड़ों का विश्लेषण
शोधकर्ताओं ने 84 देशों में 4.75 अरब लोगों के विश्वसनीय जांच आंकड़ों के आधार पर एक डायनैमिक एपिडेमियोलॉजिकल मॉडल तैयार किया है। इस अध्ययन के लेखकों ने लिखा है कि हमने वैश्विक स्तर पर कोविड-19 महामारी को लेकर सभी देशों के लिए अनुमान लगाने का मॉडल बनाया है। हमारा मॉडल रोग के प्रसार की गतिशीलता को पकड़ता है।
भारत के साथ टॉप 10 में ये देश
इस अध्ययन के अनुसार, 2021 में सर्दियों के अंत तक जिन देशों में दैनिक संक्त्रमण दर का अनुमान लगाया गया है, उनमें शीर्ष 10 देशों में भारत, अमरीका, दक्षिण अफ्रीका, ईरान, इंडोनेशिया, यूके, नाइजीरिया, तुर्की, फ्रांस और जर्मनी शामिल हैं। अध्ययन के मुताबिक, सर्दियों के अंत तक भारत सबसे अधिक प्रभावित देश होगा। इसके बाद अमरीका (95 हजार मामले प्रति दिन), दक्षिण अफ्रीका (21 हजार मामले प्रति दिन), ईरान (17 हजार मामले प्रति दिन) और इंडोनेशिया (13 हजार मामले प्रति दिन) होंगे।
तीन परिस्थितियों के आधार पर किया अध्ययन
शोधकर्ताओं ने तीन संभावित परिस्थितियों के मद्देनजर ये अनुमान पेश किए हैं। पहला- हर देश में जांच की दर और वहां महामारी के प्रति सजगता का स्तर, दूसरा- अगर जांच में प्रतिदिन 0.1 प्रतिशत की वृद्धि कर दी जाए और तीसरा- अगर मौजूदा स्तर की जांच से हटकर संभावित जोखिम के प्रति संपर्क दर की संवेदनशीलता 8 मान ली जाए।
12 गुना बढ़ सकता है केस
पहली दो परिस्थितियों में 2020 के आखिर तक कुछ देशों – खासकर भारत में, उसके बाद बांग्लादेश, पाकिस्तान और अमरीका में भी – लाखों नए कोरोना केस होंगे। एमआईटी के शोधकर्ताओं ने यह भी कहा है कि संक्रमण की दर पूर्व की तुलना में 12 गुना और मृत्यु की दर पहले की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक है।