कर्म सिंह ठाकुर
लेखक सुंदरनगर से हैं
इस देश का कर्णधार हमारा आज का युवा है। युवा वर्ग का शिक्षित व ज्ञानवान होना इस देश के भविष्य का निर्धारण करेगा। वर्तमान में दुनिया में सबसे ज्यादा युवाओं का प्रतिनिधित्व करने वाला देश हमारा भारत है। कोविड-19 महामारी के दौर में इन युवाओं की शिक्षा-दीक्षा की व्यवस्था करने का दायित्व सरकारों के साथ-साथ समाज के बुद्धिजीवियों तथा समाजसेवी संगठनों का भी बनता है। इसी सोच को चरितार्थ करने के लिए सेवार्थी विद्यार्थी संगठन की पहल काबिले तारीफ है। सेवार्थ विद्यार्थी हिमाचल प्रदेश के बैनर तले ‘एसएफएस लॉकडाउन पाठशाला’ की शुरुआत 17 जून 2020 को प्रांत प्रमुख डा. राकेश शर्मा की अगुवाई में की गई। फेसबुक पेज के माध्यम से सभी सहयोगियों तक इस मुहिम के साथ जुड़ने का आह्वान किया गया, जिसमें विशेष तौर पर युवा कार्यकर्ताओं द्वारा भरपूर सहयोग दिया गया। संपूर्ण हिमाचल प्रदेश में कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण जो पढ़ाई बाधित हुई है, उसकी भरपाई करने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए निशुल्क में जरूरतमंद, गरीब, असहाय विद्यार्थियों को इस संगठन के माध्यम से शिक्षा उपलब्ध करवाई जा रही है। एक तरफ जहां लॉकडाउन के कारण सरकारी संस्थान बंद पड़े हैं, वही ऑनलाइन पढ़ाई से भी बच्चे ऊब चुके हैं। हाल ही में भारत के 20 प्रमुख शहरों में किए गए एक शोध के मुताबिक ऑनलाइन पढ़ाई से 71 फीसदी बच्चे जिद्दी, मूड़ी तथा लापरवाही के शिकार पाए गए। करीब 5 से 6 घंटे ये बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई के लिए फोन पर व्यतीत करते थे तथा अन्य गतिविधियों को मिलाकर 10 से 12 घंटे फोन पर व्यतीत कर रहे थे, जिससे इन बच्चों को मोबाइल फोन के इस्तेमाल की लत भी लग गई जिसके कारण ये बच्चे मोबाइल फोन से आधा घंटा भी दूर नहीं रह पा रहे थे। वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश सरकार ने भी प्री नर्सरी तथा प्राइमरी कक्षाओं की ऑनलाइन पढ़ाई को प्रतिबंधित कर दिया है। इसके अलावा भारत के अन्य हिस्सों में भी मोबाइल फोन से पढ़ाई के दुष्प्रभावों को देखा गया है। ऐसे में स्टूडेंट फॉर सेवा संस्था द्वारा अपने सहयोगियों के माध्यम से अपने आसपास के चार या पांच बच्चों के ग्रुप को पढ़ाने की व्यवस्था करना काबिले तारीफ है। इससे जहां एक तरफ इन विद्यार्थियों का भविष्य उज्ज्वल होगा, वहीं दूसरी तरफ अनुशासन, देश प्रेम तथा मातृभूमि की सेवा का जज्बा भी पैदा होगा। इसी संस्था ने कुछ दिन पहले ‘पंछी हमारे मित्र’ कार्यक्रम का सफल आयोजन भी किया था, जिसके अंतर्गत घर के समीप किसी भी बर्तन में पक्षियों के लिए पानी तथा अन्न की व्यवस्था करने का आह्वान किया था। इस अभियान के लिए भी पूरे हिमाचल के सहयोगियों ने भरपूर सहयोग दिया था। इस तरह के कार्य स्वस्थ व समृद्ध समाज के मार्ग को प्रशस्त करते हैं। मातृभूमि की सच्ची सेवा का जज्बा पैदा करने के लिए युवाओं को प्रेरित करने का कार्य हिमाचल प्रदेश सेवार्थी विद्यार्थी संगठन बेहतरीन ढंग से कर रहा है।