हमें यह ध्यान रखना होगा कि वर्ष 2047 तक देश को विकसित देश बनाने के लिए सरकार के द्वारा आम आदमी की प्रति व्यक्ति आय और खुशहाली बढ़ाने के लिए जो व्यय किए जाते हैं, वे उतने ही महत्वपूर्ण हैं, जिस तरह सरकार के द्वारा बुनियादी ढांचे पर भारी निवेश लाभप्रद होता है। उम्मीद है सरकार रणनीतिक रूप से कारगर प्रयासों की राह पर आगे बढ़ेगी..
नशे की लत को पूरी करने के लिए बच्चे अपराध करने से भी नहीं हिचक रहे हैं। नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में आए दिन हो रही चोरी, छिनैती में मुख्य रूप से युवा ही शामिल हो रहे हैं। यही नहीं, रेलवे स्टेशन के आसपास घूमने वाले बच्चे चलती ट्रेन में भी वारदात करने से नहीं चूकते... भारत को युवा देश माना जाता है। जिस ओर
दरअसल अकाली दल की दुविधा यह है कि वह सिख समुदाय को एक विशिष्ट राजनीतिक ईकाई के तौर पर देखता है। उसे लगता है कि जो सिख अकाली दल के साथ है, वह तो सिख है, लेकिन जो सिख कम्युनिस्ट पार्टी, कांग्रेस पार्टी, आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी या समाजवादी पार्टी के साथ है, वह सिख नहीं है...
कम से कम बीस मिनटों तक तेज चलने, दौडऩे व शारीरिक क्रियाओं के करने से रक्त वाहिकाओं में रक्त संचार तेज हो जाता है। उससे हर मसल को उपयुक्त मात्रा में प्राणवायु मिलने से उसका समुचित विकास होता है। आज के विद्यार्थी को अगर कल का अच्छा नागरिक बनाना है तो हमें उसके लिए सही फिटनेस कार्यक्रम भी देना होगा...
छात्रों को भी अपनी प्रतिभा पर आत्मविश्वास जगाना होगा ताकि ट्यूशन व कोचिंग की जरूरत न पड़े। शिक्षा व्यवस्था का परिदृश्य बदलने वाली ट्यूशन, कोचिंग तथा निजी व विदेशी शैक्षणिक संस्थानों की तरफ छात्रों का बढ़ता क्रेज चिंतनीय है...
वास्तव में यह एक क्रांति की तरह है, जिससे हर दिन लाखों छात्र लाभान्वित हो रहे हैं। एआई को अगर आने वाले समय की मुख्य जरूरत कहा जाए तो गलत नहीं होगा। पढ़ाई से लेकर बिजनेस तक कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां इसका इस्तेमाल नहीं होता है। समय के साथ लोगों की निर्भरता एआई पर बढ़ी है और आगे यह और बढ़ेगी। राज्य सरकारें स्कूल शिक्षा की विषय वस्तु में आर्टिफिशियल इंटेलि
केंद्रीय राजस्व में हिस्सेदारी के अलावा, इन राज्यों को महत्वपूर्ण राजस्व घाटा अनुदान भी दिया गया। राष्ट्रीय एकता और क्षेत्रीय सद्भाव के मुद्दों पर हमें अलगाववादी बयानों से बचना चाहिए...
हम उम्मीद करें कि सरकार और देश के उद्योग-कारोबार जगत के द्वारा देश के तेज विकास और आम आदमी के आर्थिक-सामाजिक कल्याण के मद्देनजर दुनिया के विभिन्न विकसित देशों की तरह भारत में भी बौद्धिक समझ, शोध एवं नवाचार पर अधिक धनराशि व्यय होगी...
अंग्रेजी भाषा की हुकूमत से यदि भारतीय भाषाएं बहरों की अंजुमन में दर्द की गजल पेश करके अपने वजूद पर अश्क बहा रही हैं तो मैकाले का तस्सवुर यही था। अत: अपनी शिक्षा-संस्कृति का वजूद बचाने के लिए भारतीय भाषाओं को प्राथमिकता अवश्य देनी होगी...