ऋषिगंगा नदी में बढ़ा पानी, रेस्क्यू ऑपरेशन रोका, टीमों को निकाला बाहर

चमोली — चमोली के तपोवन में हुए हादसे का आज पांचवां दिन है। एनटीपीसी की टनल में फंसे 39 वर्कर्स को बचाने की कोशिशें जारी हैं। गुरुवार दोपहर अचानक से ऋषिगंगा नदी का जलस्तर फिर से बढऩे लगा। इस वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन को रोकना पड़ा। जोशीमठ में टनल से जेसीबी मशीन समेत रेस्क्यू टीम को टनल से बाहर निकाल दिया गया है। चमोली पुलिस के मुताबिक, आसपास के इलाकों को अलर्ट कर दिया गया है। लोगों से सतर्क रहने के लिए कहा गया है। उन्हें घबराने की जरुरत नहीं है।

इससे पहले ऑपरेशन की स्ट्रैटजी में बदलाव करते हुए टनल में 72 मीटर अंदर ड्रिलिंग की जा रही थी। 13 मीटर नीचे तक होल किया जाएगा। इसके बाद अंदर कैमरा डालकर नीचे से गुजर रही दूसरी टनल में वर्कर्स के सुरक्षित होने का पता लगाया जाएगा।

ड्रिलिंग देर रात करीब दो बजे शुरू की गई थी। पहले 75 मिलीमीटर चौड़ाई का होल किया जा रहा था, लेकिन करीब एक मीटर के बाद उसमें दिक्कत आई। अब करीब 50 मिलीमीटर चौड़ाई का होल किया जा रहा है।

इस टनल की लंबाई करीब ढाई किलोमीटर है। इसका ज्यादातर हिस्सा आपदा में आए मलबे से भरा पड़ा है। बचाव टीमें बुधवार तक टनल में सीधे पहुंचने की कोशिश कर रही थीं। 120 मीटर अंदर तक मलबा साफ कर लिया गया। हालांकि, इसमें मुश्किलें नजर आईं तो ड्रिलिंग पर विचार किया गया।

रेस्क्यू टीम ने बुधवार को सुरंग में अंदर के हाल जानने के लिए ड्रोन और रिमोट सेंसिंग उपकरणों की मदद भी ली थी। हालांकि, इसमें भी ज्यादा कामयाबी नहीं मिली।

उत्तराखंड आपदा के बाद रेस्क्यू के तीसरे दिन यानी मंगलवार को 6 और शव मिले थे। अब तक 32 लोगों के शव मिल चुके हैं। सरकार के मुताबिक, हादसे के बाद 206 लोग लापता हो गए। इनमें से 174 लोगों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।

चमोली में सात फरवरी को आई आपदा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें साफ दिख रहा है कि किस तरह जलस्तर बढऩे के बाद नदियों ने रास्ते में पडऩे वाली हर चीज को तबाह कर दिया। इस वीडियो में कुछ वर्कर्स यहां बने बांध पर पानी और मलबे से बचने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वो बच नहीं पाए।

गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में उत्तराखंड हादसे पर बताया रविवार को समुद्र तल से करीब 5600 मीटर की ऊंचाई पर 14 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का ग्लेशियर गिरा था। इससे धौलीगंगा और ऋषिगंगा में बाढ़ की स्थिति बन गई। साथ ही कहा कि उत्तराखंड सरकार के मुताबिक निचले इलाकों में अब बाढ़ का खतरा नहीं है, पानी का लेवल भी कम हो रहा है। ज्यादातर इलाकों में बिजली सप्लाई शुरू हो गई है। साथ ही बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन पांच डैमेज पुलों को रिपेयर कर रहा है।