आईपीएल की तर्ज पर इंडियन चैस लीग शुरू करेगा शतरंज महासंघ, क्या होगा इसमें खास, जानें यहां

नई दिल्ली — अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष डा. संजय कपूर ने भारत को शतरंज की सुपरपावर बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए रविवार को कहा कि एआईसीएफ क्रिकेट की इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की तर्ज पर इंडियन चैस लीग शुरू करेगा। डा. संजय कपूर ने यहां एआईसीएफ की एजीएम के बाद संवाददाता सम्मेलन में सचिव भरत चौहान के साथ यह घोषणा करते हुए कहा कि शतरंज महासंघ ने देश में शतरंज को लोकप्रिय बनाने और इस खेल का विस्तार करने के लिए कई प्रस्ताव तैयार किए हैं जिनमें इस एजीएम में मोहर लगाई गई है।

कपूर ने कहा कि हम 2026 में देश में शतरंज ओलंपियाड कराने के लिए अपनी दावेदारी करेंगे और इसके अलावा हम आईपीएल की तर्ज पर इंडियन चैस लीग शुरू करेंगे। नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने कहा कि हमारा सबसे बड़ा लक्ष्य इंडियन चैस लीग शुरू करना है जिसका खाका तैयार किया जा चुका है। इस लीग में अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और देश के युवा खिलाड़ी हिस्सा लेंगे और ऐसी लीग से देश में शतरंज की लोकप्रियता में बढ़ावा होगा।

लीग के सफल होने की संभावना के बारे में पूछने पर अध्यक्ष ने कहा कि मैं आप सबके सामने एक चीज स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि कोरोना काल में जब तमाम खेल बंद हो गए थे तब देश में शतरंज बोर्डों की बिक्री 500 गुना बढ़ गई थी। हम देश में इस खेल को नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहते हैं और हम लीग की सफलता को लेकर आश्वस्त हैं। हम जल्द ही इसका प्रारूप लेकर सामने आएंगे।

उन्होंने बताया कि फ्रेंचाइजी आधारित इस लीग का पहला संस्करण इस साल शुरू किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के कानपुर के डा. कपूर ने कहा कि भारत 2026 में होने वाले शतरंज ओलंपियाड के लिए बोली लगाएगा और इसके लिए बोली तैयार की जाएगी। उन्होंने बताया कि भारत अगले सत्र में महिला ग्रां प्री के लिए भी बोली लगाएगा। डा. कपूर ने कहा कि शतरंज महासंघ क्रिकेट की राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी की तरह राष्ट्रीय शतरंज अकादमी भी शुरू करेगा और हर राज्य इकाई को दस लाख रुपए की मदद दी जाएगी, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।

उन्होंने कहा कि हमारा सबसे महत्वाकांक्षी कार्यक्रम शतरंज को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना है और हम शतरंज को स्कूलों में एक पाठ्यक्रम की तरह प्रोमोट करेंगे। हम अगले तीन वर्षों में देश में पांच लाख पंजीकृत शतरंज खिलाड़ी तैयार करेंगे। मेरा मोटो है…. इंडिया बुद्धिमान है और चैस में और बलवान है। डा. कपूर ने कहा कि हम देश में ऐसा पंजीकरण कार्यक्रम शुरू करेंगे, ताकि एक ही खिलाड़ी खुद को पंजीकृत करा सके।

हम स्कूलों में एआइसीएफ शतरंज प्रोग्राम शुरू करेंगे। हमारे 33 राज्य संघ एक साथ इसको लागू करेंगे। हम चाहते हैं कि भारत का हर स्कूली छात्र शतरंज खेले। यह भविष्य की पीढिय़ों को बेहतर बनाने में मदद करेगा, क्योंकि इस खेल से स्वाभाविक रूप से जीवन कौशल सीखने को मिलता है। इस अवसर पर सचिव और अनुभवी प्रशासक भरत चौहान ने कहा कि हमने विश्व शतरंज महासंघ के साथ करार किया है जिससे उसके पाठ्यक्रम को अपने पाठ्यक्रम में शामिल कर सकें।

हमारा लक्ष्य स्कूलों में 700 टीचर को प्रक्षिक्षित करना है जिससे वे युवा शतरंज खिलाड़ी तैयार कर सकेंगे। चौहान सिंगल विंडो रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के महत्व को समझाते हुए कहा कि अब हर खिलाड़ी जो जिले में रजिस्टर्ड होगा वह राज्य और एआइसीएफ से भी जुड़ जाएगा। चौहान ने बताया कि पांच बार के विश्व शतरंज चैंपियन और सुपर ग्रैंड मास्टर विश्वनाथन आनंद को एआईसीएफ के सलाहकार बोर्ड में शामिल किया गया है और वह एआईसीएफ के ब्रांड अम्बेसेडर भी बनाये गए हैं।

उन्होंने कहा कि आनंद की मौजूदगी देश में शतरंज खिलाडिय़ों को प्रेरणा देगी। चौहान ने कहा कि सेंट्रल ऑफ एक्सीलेंस जमीनी स्तर पर ही प्रतिभाओं को तलाशेगा और तराशेगा। विश्व रैंकिंग में टॉप-50 में हमारे 10 खिलाडिय़ों के होने के विजन को यह पूरा करेगा। एजीएम में इसके अलावा सभी खिलाडिय़ों के लिए सिंगल विंडो रजिस्ट्रेशन, सेंट्रल ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने और सुपर टूर्नामेंट के आयोजन का फैसला हुआ।

डॉ. कपूर ने कहा कि सुपर टूर्नामेंट में कई शीर्ष स्तरीय खिलाड़ी खेलते हुए दिखेंगे। इससे हमारे ऊंची रैंक वाले ग्रैंडमास्टर्स को घर में ही उच्च स्तरीय शतरंज खेलने को मिलेगा। इससे युवा खिलाडिय़ों को भी फायदा मिलेगा क्योंकि वे उन्हें पास से खेलते हुए देख सकेंगे।