रहने को शिमला ऐसे बना देश में सर्वश्रेष्ठ शहर, ईज ऑफ लिविंग सर्वे में पहाड़ों की रानी को मिला पहला स्थान

ईज ऑफ लिविंग सर्वे में पहाड़ों की रानी को मिला पहला स्थान, राजधानी दिल्ली 13वें नंबर पर सिमटी

नगर संवाददाता—शिमला

ईज ऑफ लिविंग के लिए शिमला सिटी देश में सबसे बेहतरीन शहर है। शानदार रहन-सहन के लिए भारत सरकार के ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स सर्वे में शिमला शहर को यह खिताब हासिल हुआ है। रोचक है कि इससे पहले वर्ष 2018 में किए गए सर्वे में शिमला का 92वां स्थान था। महज तीन साल में लंबी छलांग लगाते हुए शिमला सिटी ने शीर्ष स्थान प्राप्त कर केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया है। यहां पर लोगों को बेहतर तरीके से मुलभूत सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। देश भर के 111 शहरों पर किए गए सर्वे में शिमला को यह कामयबी मिली है। केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय द्वारा देश भर में ईज ऑफ लिविंग सर्वे किया गया। इसमें दो तरह का सर्वे किया गया था, जिसमें 10 लाख से कम आबादी और 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहर थे।

 ऐसे में 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में ईज ऑफ लिविंग के मामले में बेंगलूर सबसे बेहतरीन रहा है। कम आबादी वाले शहरों में शिमला पहले स्थान पर रहा है। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने गुरुवार को ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स रैंकिंग-2020 जारी की है। इसके अलावादेश की राजधानी दिल्ली 13वें नंबर पर ही सिमटकर रह गई है। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि शिमला शहर के लिए काफी खुशी की बात है। नागरिकों के जीवन की सुगमता बनाने के लिए प्रयास जारी रहेगा।

सर्वे में तीन पिल्लर्स

कैटेगिरी में मुख्य रूप से तीन पिलर्स रखे गए थे, जिसमें लोगों के रहने की गुणवत्ता की रैंकिंग के लिए 35 फीसदी अंक थे। दूसरा पिल्लर आर्थिक योग्यता था, इसके लिए 15 और विकास की स्थिरता कैसी है, के लिए 20 फीसदी अंक तय किए गए, बाकी 30 फीसदी लोगों के बीच किए गए सर्वे के लिए तय किए गए थे।

सौ शहर सर्वे में शामिल

रहने के लिए सबसे बेस्ट शहरों की रैंकिंग में देश भर के 111 शहरों को शामिल किया गया था। शहरों को दो कैटेगिरी में बांटा गया। पहली में वे शहर शामिल किए गए, जिनकी आबादी 10 लाख से ज्यादा थी। दूसरी कैटेगिरी में 10 लाख से कम आबादी वाले शहर थे। सर्वे में यह बात देखी की गई कि इनमें रहने की गुणवत्ता किस स्तर की है। साथ ही जो विकास के काम किए गए हैं, उनका लोगों के जीवन पर क्या असर पड़ रहा है।

2018 में हुई शुरुआत

पहली बार 2018 में शहरों की रैंकिंग की गई थी, जिसमें शिमला शहर को 92वां स्थान मिला था। अब यह दूसरी बार जब 2020 में शहरों की रैंकिंग की गई, जिसमें शिमला शहर ने लंबी छलांग लगाते हुए पहला स्थान हासिल किया है। शिमला शहर के लिए यह गर्व की बात हैं। एमसी की भी इसमें कड़ी मेहनत दिखती है।

10 लाख से कम आबादी

शहर                   स्कोर

शिमला                60.90

भुवनेश्वर              59.85

सिल्वासा              58.43

काकिनाडा            56.84

सेलम                  56.40

वेल्लोर                 56.38

गांधीनगर              56.25

गुरूग्राम               56.00

दावनगेरे               55.25

तिरुचिरापल्ली         55.24