बाल मजदूरी करवाने पर चार फंसे

चंडीगढ़ पुलिस ने शराब फैक्टरी से रेस्क्यू किए थे 15 मासूम

चंडीगढ़, 2 अगस्त (ब्यूरो)

इंडस्ट्रियल एरिया फेज 1 के प्लाट नंबर 214 में चलने वाली शराब फैक्टरी से 15 बच्चों को बाल श्रम करते रेस्क्यू करने के मामले में पुलिस ने सोमवार को ठेकेदार, एक महिला सहित चार कर्मचारियों पर केस दर्ज कर लिया। आरोपितों की पहचान ठेकेदार संजय, कर्मचारी संदीप, मनोज यादव सहित अन्य के तौर पर हुई हैं। इंडस्ट्रियल एरिया थाना पुलिस को शिकायत चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर मोहम्मद अरशद ने की हैं। 29 जून 2021 को रेस्क्यू अभियान उपायुक्त मनदीप सिंह बराड़ के निर्देश से बाल विकास विभाग की यूनिट डीसीपीयूए 181ए 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन, बचपन बचाओ आंदोलन और एसडीएम साउथ और पुलिस के संयुक्त सहयोग से छापामारी की गई थी। फैक्टरी के अंदर बच्चे शराब की बोतलों की पैकिंग कर रहे थे। रेस्क्यू किए गए बच्चों में आठ लड़के सहित कुल 15 बच्चे थे।

बाद में सभी बच्चों का मेडिकल करने के बाद उन्हें वर्किंग वूमेन होस्टल सेक्टर.24 और आशा किरण सेंटर सेक्टर.46 में 10 दिन क्वारंटाइन के लिए शिफ्ट कर दिया गया था। चंडीगढ़ में पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी के घर पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने रेड डाली है। शराब पैकिंग का काम कर रहे बच्चों की उम्र 13 से 17 साल के बीच है। बच्चे शराब पैक करने के साथ बोतलों की सफाई तक का काम कर रहे थे। यदि कोई बोतल लीक करते हैं तो उसे छांटना और उसे ठीक करके सप्लाई के लिए तैयार करना बच्चों का काम था। फैक्टरी में काम कर रहे बच्चों से ठेकेदार 150 से दो सौ रुपए प्रतिदिन की दिहाड़ी में काम ले रहा था। बच्चे दिन में आठ घंटे काम करते थे और उन्हें किसी प्रकार की छुट्टी नहीं थी। शराब की फैक्टरी से रेस्क्यू किए गए बच्चों की जानकारी बाल विकास विभाग को काउंसलिग के दौरान मिली थी। कुछ दिन पहले बच्चा किसी अपराध के बाद पकड़ा गया था जहां पर काउंसिलिंग के दौरान इस प्रकार की शराब फैक्टरी में काम की जानकारी दी थी।