किसानों-आढ़तियों को नहीं मिला ब्याज

हरियाणा सरकार के खिलाफ रोष, डेढ़ साल से नहीं हुआ गेहूं फसल का भुगतान

कैथल, 24 नवंबर (कृष्ण गर्ग)

प्रदेश सरकार द्वारा आढ़तियों से किसानों को देरी का ब्याज देने के नाम पर वसूला गया ब्याज डेढ़ साल बाद भी न तो यह किसानों का दिया गया और न ही आढ़तियों को वापस किया गया। पाई अनाज मंडी के पूर्व प्रधान रणधीर सिंह फौजी, सत नारायण, राम कुमार ने बताया कि वर्ष 2020 में गेहूं के सीजन में जिन आढ़तियों ने किसान के बजाय अपने खाते में गेहूं की अदायगी भेजने के लिए सहमति पत्र नहीं भरे थे और ऐसे किसानों के गेहूं के पैसे आढ़तियों के खाते में आने के उपरांत किसानों की फसल की अदायगी आढ़तियों ने सरकारी पोर्टल के माध्यम से किसानों के खाते में की थी। आढ़तियों को सरकार के माध्यम यानि पोर्टल के द्वारा किसानों को करनी थी। उन्होंने अपने किसानों को उनकी गेहूं की फसल की अदायगी सीधे रूप से की। सरकारी छुट्टियों के कारण आढ़तियों से यह अदायगी 72 घंटे में करने में देरी हो गई, जिस पर सरकार के द्वारा इस देरी का ब्याज आढ़तियों की आढ़त के भुगतान में से काट लिया था।

पूरे प्रदेश में ब्याज की यह राशि कई सौ करोड़ों की बनती है। यह राशि सरकार के द्वारा अभी तक रोकी हुई है और इसका भुगतान न तो किसानों के खाते में किया गया और न ही आढ़तियों को वापस किया गया। सरकार के पास इस मोटी राशि को लगभग डेढ़ साल हो गए हैं। उन्होंने इस राशि को ब्याज सहित वापस करने की मांग की है। उधर, इस बारे में किसान सुनील सिसमौर, बलराज कोटड़ाए रामफल पाई, वेदपाल पाई ने बताया कि सरकार ने आढ़तियों से यह ब्याज गलत काटा है। आढ़तियों ने उनके द्वारा लिए गए कर्ज का ब्याज फसल लगाकर तत्काल कर दिया था। पोर्टल द्वारा आढ़तियों ने मजबूरी वश भुगतान किया था। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के नाम पर ब्याज तो काट लिया, परंतु किसानों को नहीं दिया। किसान यूनियन के राष्ट्रीय सलाहकार अजीत सिंह हाबड़ी ने कहा कि सरकार द्वारा किसानों व आढ़तियों के साथ धोखा किया है। सरकार को काटे गए इस ब्याज का भुगतान ब्याज समेत जल्द करना चाहिए। इस बारे में जब कैथल के डीएफएससी प्रमोद शर्मा से जानना चाहा, तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया। (एचडीएम)