परिवहन सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच की चेतावनी वार्ता को बुलाएं, वरना घेरेंगे विस

परिवहन सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच में सरकार व निगम प्रबंधन के खिलाफ रोष; दिक्कतें न सुलझाने पर नाराज, रणनीति तैयार

कार्यालय संवाददाता — जसूर (नूरपुर)
प्रदेश सरकार वार्ता के लिए जल्द बुलाए और परिवहन सेवानिवृत्त कर्मचारियों की मांगें पूरी करे, अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहे। यह ऐलान हिमाचल परिवहन सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच ने किया है। हिमाचल परिवहन सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच के नूरपुर जोन की बैठक सोमवार को जसूर में हुई, जिसकी अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष बलराम पुरी ने की। इस दौरान कल्याण मंच के कार्यों की समीक्षा की गई व निगम प्रबंधन व सरकार के प्रति गहरा रोष व्यक्त किया गया। हिमाचल परिवहन सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच के प्रदेश अध्यक्ष बलराम पुरी ने कहा कि कल्याण मंच ने गत 25 जुलाई को मुख्यमंत्री व निगम प्रबंधन को एक मांगपत्र दिया था और अगस्त में होने वाले विधानसभा सत्र में धरना प्रदर्शन करने का नोटिस भी दिया था, जिस पर मुख्यमंत्री ने हस्ताक्षर युक्त पत्र द्वारा मंच को जानकारी दी कि सरकार आपकी मांगों पर विचार कर रही है और धरना-प्रदर्शन न करें तथा आपको जल्द वार्ता के लिए बुलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब कल्याण मंच द्वारा मुख्यमंत्री को इस बारे दो बार स्मरण पत्र दिए गए, लेकिन उन्हें अभी तक वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया, जिसके लिए पेंशनरों में सरकार के प्रति रोष है।

उन्होंने कहा कि गत 17-18 नवंबर को मंडी में प्रदेश अधिवेशन व 30 नवंबर को हमीरपुर में प्रदेश संचालन समिति ने यह प्रस्ताव पारित किया है कि अगर सरकार हमारी मांगों का हल नहीं करती और वार्ता के लिए नहीं बुलाती है, तो आगामी बजट सत्र शिमला में मंच विधानसभा के सामने प्रदर्शन करेगा व घेराव करेगा और धरना-प्रदर्शन अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा। बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष कृपाल पठानिया, प्रदेश सचिव हरबंस लाल, प्रदेश कोषाध्यक्ष किशोरी लाल, शाम सिंह, संसार पठानिया, जोगिंद्र पठानिया, स्वरूप लाल, कुलदीप, पूर्ण चंद, रवि कुमार, मनोहर लाल, जगदीश चंद, मनोहर लाल, विपिन चंद, प्रेमपाल आदि मौजूद थे।

इन मुद्दों पर चल रहा संघर्ष

परिवहन सेवानिवृत्त कल्याण मंच की मांगों में पेंशन का बजट में स्थायी हल, पेंशन हर माह के प्रथम सप्ताह में दी जाए, 2016-2017 से से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को उनकी ग्रेच्युटी व लीव-इन-कैशमेंट का भुगतान 31 दिसंबर से पहले हो, महंगाई भत्ते का बकाया 2015 से 2021 तक, जो कि 46 प्रतिशत बनता है व आठ प्रतिशत अंतरिम राहत है, उसको जारी किया जाए, 2016 से लागू किए जाने वेतनमान को सरकार के कर्मचारियों के साथ लागू किया जाए, 65, 70, 75 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके पेंशनरों को क्रमश: पांच, दस व 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी सरकारी कर्मचारियों की तर्ज पर की जाए, संशोधित वेतनमान को पेंशन में जोड़ा जाए आदि शामिल हैं।`