चंडीगढ़ की बत्ती गुल करने पर जाएगी नौकरी

हाई कोर्ट की फटकार के बाद कार्रवाई की तैयारी में डिपार्टमेंट

चंडीगढ़, 25 फरवरी (मुकेश संगर)

चंडीगढ़ बिजली विभाग के कर्मचारियों ने अपनी मांगों पर हठधर्मिता दिखाते हुए पूरे शहर को अंधेरे में डुबो दिया। करीब 41 घंटे तक शहर में ब्लैकआउट रहा। दो बड़े हॉस्पिटल की बिजली तक काट दी गई। कई अन्य जगहों पर बिजली गुल करने में भी कुछ कर्मचारियों की भूमिका रही। अब इन कर्मचारियों को नौकरी से निकालना इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ने शुरू कर दिया है। ऐसे सभी कर्मचारियों को अब नौकरी जाने और कार्रवाई का डर सताने लगा है। सभी कर्मचारी अब बचने के रास्ते ढूंढ रहे हैं। अब ऐसे आउटसोर्स पर लगे कर्मचारियों की पहचान कर उन्हें बर्खास्त किया जाएगा, जबकि रेगुलर कर्मचारियों पर अनुशासनहीनता और एस्मा के तहत कार्रवाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ने 150 से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों को निकालने की तैयारी कर ली है। इनको कभी भी बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। डिपार्टमेंट में 400 आउटसोर्स कर्मचारी हैं। सबसे पहले इन्हीं पर एक्शन हो रहा है। इसके अलावा रेगुलर कर्मचारियों पर भी एस्मा के तहत कार्रवाई होगी। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के बाद चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने भी प्रशासन के अफसरों को फटकार लगाई थी। शहर व अस्पतालों की बिजली सप्लाई बाधित करने वाले कर्मियों पर कोई कार्रवाई प्रशासन की तरफ से नहीं की गई थी, इसलिए ऐसा किया जाएगा।

प्रशासक ने इस मीटिंग में इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के अफसरों को कहा है कि वे तुरंत इस हड़ताल में शामिल होने वाले सभी रेगुलर कर्मियों के खिलाफ डिपार्टमेंटल एक्शन लें साथ ही इन सभी कर्मियों के खिलाफ ईस्ट पंजाब असेंसिअल सर्विसेज (मेंटेनेंस) एक्ट 1947 (एस्मा) के तहत भी कार्रवाई होगी। मामले की पूरी जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। स्वतंत्र एक्सपर्ट को इस कमेटी में शामिल किया जाएगा। हड़ताल के दौरान किस तरह का नुकसान इलेक्ट्रिकल सिस्टम को हुआ, कौन-कौन इसमें शामिल थे, कहां कहां तारें तोड़ी गर्इं या बाकी नुकसान किया गया, इसको लेकर ये कमेटी रिपोर्ट तैयार करेगी और 15 दिन में अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौंपेगी। इसके लिए प्रशासक ने डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि वे इन्वेस्टिगेशन तेज करें और जैसे ही इन कर्मियों की पहचान होती है, वे अपनी रिपोर्ट सौंपें।