जीआरएडी सिस्टम आशाजनक, क्रोनिक किडनी रोगियों के लिए लाभदायक साबित होगी रिसर्च

चंडीगढ़, 30 मार्च (ब्यूरो)

डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी, पीएचडी द्वारा मधुमेह प्रबंधन के लिए विकसित की गई नई ग्रेविटेशनल रजिस्टेंस एंड डाइट (गुरुत्वाकर्षण प्रतिरोध और आहार) (जीआरएडी) सिस्टम काफी आशाजनक लग रहा है और क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) रोगियों के लिए आशा की एक किरण प्रदान करने के लिए तैयार है। इसका प्रमुख आधार यह है कि डायलिसिस रोगियों के बीच क्रोनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) को उलटने में आयुर्वेद सिद्धांत आधारित जीआरएडी प्रणाली की प्रभावशीलता पर पहली बार संभावित समूह अध्ययन के परिणामस्वरूप उत्साहजनक परिणाम प्राप्त हुए हैं। शोध राजस्थान के 13 वर्षीय श्रीधर विश्वविद्यालय, दयानंद आयुर्वेदिक कॉलेज, जालंधर, भारत के सबसे पुराने आयुर्वेदिक कॉलेजों में से एक और हॉस्पिटल एंड इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटेड मेडिकल साइंसिज, डेरा बस्सी, जयपुर और जोधपुर के विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा किया गया था, जिसे प्रसिद्ध आयुर्वेद और योग गुरु . आचार्य मनीष द्वारा स्थापित किया गया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाग लेने वालों में आयुर्वेद और योग गुरु आचार्य मनीष, डॉ. विश्वरूप रॉय चौधरी, श्रीधर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. ओम प्रकाश गुप्ता, डॉ अनु भारद्वाज (बीएएमएस), डॉ. अमर सिंह आजाद, एमडी, पीडियाट्रिक्स एंड कम्युनिटी मेडिसिन और डॉ. अवधेश पांडेए एमडी, रेडियोलॉजी शामिल थे।