सेना में सीडीएस नियुक्ति

थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवने की रिटायरमेंट के बाद अब भारतीय सेना के नए सीडीएस की नियुक्ति पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है कि देश को दूसरा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी सीडीएस कब मिलेगा और उसके लिए अभी कितना इंतजार करना पड़ेगा। पिछले महीने 30 अप्रैल को जब थल सेना अध्यक्ष जनरल एमएम नरवने रिटायर हो गए और देश की तीसरी सबसे बड़ी सेना की कमान जनरल मनोज पांडे को सौंप दी गई तो पूरे भारत ही नहीं बल्कि विश्व की नजरें भारतीय सेना के सीडीएस के पद पर किसकी नियुक्ति होगी, उस पर लगी हुई हैं। देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हुई मौत के बाद यह अहम पद खाली पड़ा हुआ है। 2019 के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सीडीएस पद की घोषणा की थी। पीएम मोदी ने तब कहा था कि सीडीएस सेना के तीनों अंगों थल सेना, वायु सेना और नौसेना के अध्यक्षों से वरीयता क्रम में ऊपर होगा। इसके बाद जनवरी 2020 में थल सेना अध्यक्ष पद से रिटायर होते ही बिपिन रावत को पहला सीडीएस बनाया गया था।

वैसे तो इस पद को बनाने का प्रस्ताव 1999 में कारगिल युद्ध के समय आ गया था और उसी मुताबिक यह तय हुआ कि सेना के तीन अंगों के प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ व्यक्ति ही सीडीएस बनाया जाएगा जिसकी बुनियादी भूमिका थल सेना, नौसेना, वायु सेना के बीच कामकाजी समन्वय बढ़ाने की दिशा में काम करने और जरूरत के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा को देखने की होती है। सीडीएस प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के लिए महत्त्वपूर्ण रक्षा व सामरिक मुद्दों पर सैन्य सलाहकार की भूमिका निभाता है। सीडीएस सबसे वरिष्ठ सैन्य अधिकारी होता है जो भारतीय सेनाओं के अधिकारियों में से चुना जाता है। तीनों सेनाओं के चीफ में ‘फस्र्ट अमंग दि इक्वलÓ होने के बावजूद रक्षा मंत्री का सिंगल प्वाइंट एडवाइजर होता है। इसकी मदद वाइस चीफ आफ डिफेंस स्टाफ करते हैं। रक्षा मंत्रालय के अधीन डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर का हैड होता है और उसका सेक्रेटरी भी होता है। इसके अलावा चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी का स्थायी अध्यक्ष होता है। आज सरकार के पास सबसे बड़ी चुनौती भारतीय सेना के लिए नया सीडीएस नियुक्त करने की है।

ऐसा समझा जा रहा था कि अब तक सीडीएस की नियुक्ति कर दी जाएगी क्योंकि यह एक बड़ा ही अहम पद है और इस महत्वपूर्ण पद पर रहते देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने अपने कार्यकाल के दौरान सेना के तीनों अंगों में समन्वय के साथ साथ तीन थिएटर कमांड बनाने पर बल दिया था, जिसमें पाकिस्तान लैंड थिएटर कमांड जो एयर फोर्स कमांडर, चीन लैंड थिएटर कमांड थल सेना कमांडर तथा एक मैरिटाइम थिएटर कमांड जो कि जल सेना कमांडर के अधीन होगी। इसके अलावा आर्मी ने श्रीनगर और कश्मीर घाटी में आतंकवाद से डील करने के लिए एक अलग थियेटर कमांड का प्रस्ताव रखा था। जनरल रावत ने भारतीय वायु सेना को एयर डिफेंस थिएटर कमांड बनाने का भी एक प्रपोजल दिया था जो पूरे भारत के एयर स्पेस को देखेगी, पर एयरफोर्स ने इसको यह बोलकर नकार दिया था कि वह पहले ही पूरे देश के एयरस्पेस पर नजर रख रही है। मेरा मानना है कि सीडीएस इतना अहम पद है जिसको इस मौके पर खाली छोडऩा ठीक नहीं है।

कर्नल (रि.) मनीष

स्वतंत्र लेखक