पदोन्नति नियमों से न हो छेड़छाड़, विज्ञान अध्यापक संघ की मांग, न्यायालय के निर्णय को रखें यथावत

कार्यालय संवाददाता-बिलासपुर

प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ ने सरकार से मांग की है कि टीजीटी से मुख्याध्यापक पदोन्नति के नियमों में कोई छेड़छाड़ न करते हुए माननीय न्यायालय के निर्णय को यथावत रखा जाए। ताकि प्रदेश में टीजीटी से मुख्याध्यापक बनने के लिए लगभग 22 वर्षों का सेवाकाल पूर्ण करने के बाद जो टीजीटी शिक्षक अपनी पहली पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं, उनके साथ अन्याय न हो। अगर नियमों में कोई बदलाव किया जाता है तो मुख्याध्यापक के पद पर पदोन्नति का इंतजार कर रहे प्रदेश भर के टीजीटी शिक्षक टीजीटी पद से ही सेवानिवृत्त होने को मजबूर हो जाएंगे। प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र ठाकुर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुधीर चंदेल, प्रदेश महामंत्री अवनीश कुमार, कोषाध्यक्ष लवलीन, मीडिया प्रभारी सुनील, अशोक वालिया, प्रदेश प्रवक्ता देशराज, प्रेस सचिव रमेश, जिला प्रधान सुखजिंद्र गुलेरी कांगड़ा, भीम सिंह मंडी, राजीव चंबा, मोहन सिरमौर, सिकंदर कुल्लु, चंद्रकेश धीमान ऊना, अशोक बिलासपुर, दिनेश हमीरपुर, नरेश सोलन, अशोक शिमला, दीनानाथ लाहुल-स्पीति ने कहा कि इस मांग को पहले भी कई बार मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव प्रदेश से उठा चुका है। विज्ञान अध्यापक संघ ने सरकार से मांग की है कि मुख्यमंत्री द्वारा आपने बजट भाषण में 26 अप्रैल 2010 के बाद टीजीटी से पदोन्नत लेक्चरर की ऑप्शन एकमुश्त बहाल कर मुख्याध्यापक बनाने की घोषणा की है, उस घोषणा के लागू होने से टीजीटी काडर के एक बहुत बड़े वर्ग के साथ अन्याय न हो, इसलिए जो पदोन्नति की स्थिति लगभग 10 वर्षों से चली आ रही है, उसी को यथावत रखा जाए, ताकि एक बहुत बड़े शिक्षक वर्ग को राहत मिल सके।