चुनाव संचालन के लिए जरूरी है स्ट्रांग रूम

आवश्यक है कि चुनाव प्रक्रिया को और अधिक सुगम, सुरक्षित, पारदर्शी तथा जवाबदेह बनाने के लिए चुनाव विभाग के अधीन स्ट्रांग रूम, सभागार, कार्यालय कक्ष तथा चुनावी मशीनों एवं चुनाव सामग्री को रखने की व्यवस्था हो। चुनाव विभाग के लिए आवश्यक भौतिक संसाधनों की स्थायी व्यवस्था से चुनाव प्रक्रिया को सम्पन्न करवाना अधिक सुविधाजनक होगा…

भारतवर्ष में दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक व्यवस्था है। इस व्यवस्था में चुनाव होना एक स्वाभाविक एवं आवश्यक प्रक्रिया है। स्वतन्त्र, निष्पक्ष, निर्भीक चुनाव करवाना तथा व्यवस्था की विश्वसनीयता बनाए रखना प्रशासन एवं चुनाव आयोग का कार्य है। लोकतन्त्र में चुनाव प्रक्रिया के पर्व को सफलतापूर्वक सम्पन्न करवाना सभी का राष्ट्रीय कत्र्तव्य है। देश में समय-समय पर लोकसभा तथा विधानसभा चुनाव होते रहते हैं। इसके अतिरिक्त उपचुनाव, नगर निगम, नगर परिषद, नगरपालिका, जि़ला परिषद, बीडीसी तथा पंचायत चुनावों का भी आयोजन चुनाव विभाग द्वारा होता रहता है। इन चुनावों के आयोजन में भारी भरकम राशि व्यय होती है। चुनाव आयोग को इस कार्य की विश्वसनीयता तथा पवित्रता बनाए रखने के लिए बहुत परिश्रम करना पड़ता है। चुनाव आयोग द्वारा आदर्श चुनाव संहिता के अधीन चुनाव करवाए जाते हैं जिसमें मतदाताओं, प्रत्यशियों, राजनीतिक दलों को नियमों के अनुसार कार्य करना पड़ता है। चुनाव आयोग के कड़े निर्देशानुसार अनेक व्यक्ति तथा कर्मचारी चुनावों को सफलतापूर्वक सम्पन्न करवाने के लिए कार्य करते हैं। चुनाव आयोग द्वारा अनेकों पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जाती है जो प्रत्येक घटनाक्रम पर कड़ी नजऱ रखते हैं। अनेक संस्थानों के भौतिक तथा मानवीय संसाधनों को चुनावी प्रक्रिया की सफलता के लिए नियुक्त कर दिया जाता है। चुनाव आचार संहिता के तहत सभी नियमों को सुनिश्चित किया जाता है। किसी भी प्रकार से नियमों की अवहेलना न हो, इस बात का ध्यान रखा जाता है।

प्रशासनिक दृष्टि से किसी भी चुनाव को अविवादित तरीके तथा सफलतापूर्वक संपन्न करवाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। चुनाव प्रक्रिया में नियुक्त प्रत्येक अधिकारी को आयोग के कड़े नियमों तथा प्रावधानों का पालन कर अपना कत्र्तव्य निर्वहन करना होता है। इस प्रक्रिया में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पुलिस तथा सभी विभागों के कर्मचारियों को नियुक्त किया जाता है। चुनावी प्रक्रिया को आयोजित करने में भौतिक संसाधनों की आवश्यकता रहती है ताकि चुनावी कार्य सुगमतापूर्वक, पारदर्शिता तथा पूर्ण सुरक्षा में सम्पन्न हो सके। चुनाव सम्पन्न होने से पूर्व ईवीएम की तैयारी, कर्मचारियों का प्रशिक्षण, चुनाव सामग्री का वितरण, चुनाव करवाने के लिए दल भेजना, चुनाव करवाना, चुनावों के पश्चात ईवीएम सुरक्षा बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। चुनाव अधिकारियों को मतगणना के लिए बहुत से प्रबंध करने होते हैं। इस प्रक्रिया में प्रशासन द्वारा ईवीएम की सुरक्षा के लिए अनेक सुरक्षा एजेंसियों का सहयोग लिया जाता है। किसी भी स्तर पर किसी भी प्रकार की चूक चुनाव प्रक्रिया तथा चुनाव आयोग पर अनेक प्रश्न खड़ा देती है। चुनाव सम्पन्न करवाने के लिए अनेकों व्यक्ति शामिल होते हैं। चुनाव करवाने के लिए आयोग द्वारा गाडिय़ों, भवनों, इमारतों तथा व्यक्तियों की व्यवस्था कर ली जाती है। इन भौतिक संसाधनों में आमतौर पर विद्यालयों, महाविद्यालयों तथा अन्य बड़े सार्वजनिक संस्थानों के भवनों को प्रशासन द्वारा अधिग्रहण कर लिया जाता है।

चुनाव प्रक्रिया के प्रारम्भिक चरण तथा अन्तिम समय में काफी समय लग जाता है तथा चुनाव के उद्देश्य से प्रशासन द्वारा किए गए विभिन्न संस्थानों के अधिग्रहण से काफी नुकसान होता है तथा अधिग्रहित संस्थान के कार्य बहुत प्रभावित होते हैं। यह सही है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में चुनावों का आयोजन होना सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्य होता है, लेकिन अन्य विभागों एवं संस्थानों के कार्य भी कम महत्वपूर्ण नहीं होते। इसमें मुख्यत: शैक्षणिक संस्थान प्रभावित होते हैं। चुनाव आयोग समय-समय पर चुनावी प्रक्रिया में अपने स्तर पर सुधारात्मक कदम उठाते हुए अनेक कड़े निर्णय लेता है जो बहुत ही प्रशंसनीय है। स्वतन्त्रता के पचहत्तर वर्षों के बाद भी हम इतने महत्वपूर्ण कार्य के लिए भौतिक संसाधनों को नहीं जुटा पाए हैं। चुनाव प्रक्रिया को सुचारू, सुरक्षित तथा पारदर्शी तरीके से सम्पन्न करवाने के लिए वर्तमान में यह अति आवश्यक है कि चुनाव विभाग को सशक्त तथा सुदृढ़ किया जाए। इस विभाग के भौतिक संसाधनों में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में ईवीएम, वीवीपैट, कन्ट्रोल यूनिट तथा चुनाव सम्बन्धित सामग्री को सुरक्षित रखने के लिए सुरक्षित कमरों की व्यवस्था अति आवश्यक है। चुनाव विभाग के कार्यालय के अतिरिक्त प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में बड़ा सभागार होना आवश्यक है जिसमें चुनाव ड्यूटी पर कर्मचारियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था हो सके। चुनाव से पूर्व, चुनाव के दौरान तथा चुनाव होने के उपरांत ईवीएम को सुरक्षित व्यवस्था, स्ट्रांग रूम होना आज की आवश्यकता है।

वर्तमान में आम जन में ईवीएम हैक होना, सुरक्षा व्यवस्था पर संदेह, सामान्य प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन पर दबाव जैसी चर्चाएं एवं धरने प्रदर्शन होना सामान्य बात हो गई है, हालांकि ईवीएम से छेड़छाड़ या हैक होना कोई सरल एवं सामान्य बात नहीं है। उपमंडल, जि़ला तथा राज्य स्तर पर भारतीय चुनाव आयोग के निर्देशानुसार चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष, स्वतंत्र तथा पारदर्शी तरीके से करवाने की पूर्ण रूप से कोशिश की जाती है, तथापि इस दिशा में प्रत्येक स्तर पर चुनाव आयोग के अपने भौतिक संसाधनों के होने से और अधिक सुदृढ़, सुविधाजनक एवं पारदर्शी बनाने के लिए एक अच्छा कदम होगा। चुनाव कार्यप्रणाली, चुनाव आयोग तथा प्रशासन पर संदेह की उंगली उठना चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवालिया चिन्ह खड़ा करती है। आवश्यक है कि चुनाव प्रक्रिया को और अधिक सुगम, सुरक्षित, पारदर्शी तथा जवाबदेह बनाने के लिए चुनाव विभाग के अधीन स्ट्रांग रूम, सभागार, कार्यालय कक्ष तथा चुनावी मशीनों एवं चुनाव सामग्री को रखने की व्यवस्था हो। चुनाव विभाग के लिए आवश्यक भौतिक संसाधनों की स्थायी व्यवस्था से चुनाव प्रक्रिया को सम्पन्न करवाना अधिक सुविधाजनक होगा। इससे जहां लोकतांत्रिक चुनावी व्यवस्था के लिए संसाधनों का निर्माण होगा, वहीं पर चुनाव प्रक्रिया सरल, सुगम, सुविधापूर्ण, सुरक्षित एवं पारदर्शी होगी, अन्यथा कब तक वैकल्पिक एवं उधार की व्यवस्था से हम चुनावों की विश्वसनीयता को बनाए रखेंगे। चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता ही लोकतंत्र की विश्वसनीयता है।

प्रो. सुरेश शर्मा

लेखक घुमारवीं से हैं