HP Election-2022: जीत की मंडी में उम्मीद अभी बाकी है

अमन अग्रिहेात्री — मंडी

मंडी। पांच साल तक मुख्यमंत्री की कुर्सी का सुख भोगने वाली मंडी के लिए एकदम से बदली राजनीतिक करवट असहज करने वाली है। मंडी जिला में इस बार अजीब राजनीतिक परिदृश्य बना है। भाजपा नौ सीटें जीतने के बाद भी जहां जश्न नहीं मना पा रही है, वहीं कांग्रेस प्रदेश में सत्ता में वापसी करने के बाद भी मंडी में खुशी मनाने की सूरत में नहीं है। ्रदेश के इतिहास में यह भी पहली बार हो रहा है, जब मंडी जिला से नौ सीटें जीतने के बाद भी उस दल की सरकार नहीं बनी है, जबकि इससे पहले मंडी जिला उसी दल के साथ चलता आया है, जिसकी सरकार भी प्रदेश में बनती है।

यह भी रिकार्ड रहा है, जब भी मंडी में जिस भी दल को नौ से ज्यादा सीटें मिलती हैं, वह सरकार हमेशा बनाता है। 2017 में भाजपा ने यहां से नौ सीटें जीत कर सरकार बनाई थी। इससे पहले 1993 में कांग्रेस ने भी मंडी जिला से नौ सीटें जीत कर सरकार बनाई थी। यही नहीं, अगर मंडी जिला में किसी दल को सीटें कम भी मिलीं, तब भी प्रदेश की सत्ता में मंडी से उस दल के नेताओं की अहम जिम्मेदारियां व पद मिले हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि नौ सीटें भाजपा को देने के बाद भी प्रदेश में भाजपा की सरकार नहीं बनी है। न तो मंडी को मुख्यमंत्री की कुर्सी फिर से मिल पाई और न ही अब कांग्रेस सरकार में मंडी को बड़े ओहदे व मंत्री पद मिल सकेंगे। मंडी को इस बार झंडी से महरूम रहना पड़ सकता है। मंडी से कांग्रेस सरकार में बड़े मंत्री बनने की काबिलियत रखने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेता कौल सिंह ठाकुर, पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी और पूर्व सीपीएस सोहन लाल ठाकुर चुनाव हार चुके हैं। इसके साथ ही पूर्व विधायक सुरेंद्र ठाकुर को हार मिली है। मंडी जिला से सदैव मुख्यमंत्री पद की दावेदारी जताई जाती रही है।

इसमें ठाकुर कर्म सिंह और पंडित सुखराम के लगातार प्रयास के बाद आखिरकार 2017 में जयराम ठाकुर मंडी से मुख्यमंत्री बने। उनके साथ ही मंडी को महेंद्र सिंह ठाकुर और अनिल शर्मा के रूप में दो मंत्री भी मिले। वर्ष 2017 से पहले भी मुख्यमंत्री न भी होने के बावजूद मंडी का राजनीतिक कद कभी कम नहीं रहा है। सरकार चाहे कांग्रेस की रही हो अथवा हिविकां-भाजपा गठबंधन की हो। मंडी से हर सरकार में तीन से चार मंत्री, सीपीएस और निगमों व बोर्ड के चेयरमैन बनते रहे हैं। यहां तक कि ठाकुर कर्म सिंह, पंडित गौरी प्रसाद, मनसा राम, पंडित सुखराम, रंगीला राम राव, पीरू राम, कौल सिंह ठाकुर, गुलाब सिंह, रूप सिंह ठाकुर, दिले राम, नत्था सिंह ठाकुर, महेंद्र सिंह, अनिल शर्मा, जयराम ठाकुर कई सरकारों में मंत्री रह चुके हैं, लेकिन इस बार मंडी जिला को कोई बड़ा पद मिलने की उम्मीद नहीं है।