चंडीगढ़ के दो अस्पतालों को नोटिस

नगर निगम के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स की पालना न करने पर कार्रवाई की तैयारी

चंडीगढ़, २८ दिसंबर (ब्यूरो)

चंडीगढ़ नगर निगम ने ठोस कूड़ा प्रबंधन को लेकर लागू की गई योजना को लेकर सख्ती शुरू कर दी है। नगर निगम की ओर से इस योजना को लागू करने के आदेशों के पालना न करने वाले चंडीगढ़ के दो बड़े हॉस्पिटल पीजीआई और गवर्नमेंट मेडिकल कालेज एंड अस्पताल सेक्टर-32 सहित दो अन्य सरकारी शिक्षण संस्थानों व चार गु्रप हाउंसिंग सोसायटियों समेत एक मार्केट कमेटी को यह नोटिस दिया गया है। नगर निगम की ओर से जारी नोटिस अनुसार इन पर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स की पालना न करने पर जुर्माना और आपराधिक कार्रवाई शुरू की जाने की चेतावनी दी गई है। इन दोनों हॉस्पिटल को निगम ने अंतिम नोटिस जारी कर दिया है। निगम ने साफ कर दिया है कि नियमों की पालना न करने पर जुर्माना और प्रशासनिक चार्ज भी वसूला जा सकता है। वहीं, पर्यावरण प्रोटेक्शन एक्ट, 1986 की धारा 15 के तहत एफआईआर दर्ज करने के आदेश भी जारी किए जा सकते हैं। निगम का कहना है कि सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स के नियम 4 (7) की पालना न करने पर 20 हजार रुपए जुर्माना और प्रति माह प्रशासनिक चार्ज वसूला जाएगा। वहीं बचा हुआ कचरा निगम को न देने की स्थिति में दो हजार रुपए प्रति दिन के हिसाब से जुर्माना लगेगा। निगम ने इन इंस्टीच्यूट्स को कहा है कि इसे अंतिम नोटिस मान कर तय नियमों की पालना करें। निगम का कहना है कि यह सभी संस्थान ठोस कूड़े के बड़े बल्क वेस्ट जेनरेटर्स नियमों के तहत निगम का कहना है कि बल्क वेस्ट जेनरेटर्स को वेस्ट को जहां तक संभव हो अपने एरिया में ही कंपोस्टिंग या बॉयोमिथेनेशन के जरिए प्रोसेस, ट्रीट और डिस्पोज किया जाना चाहिए। वहीं बचे हुए वेस्ट को निगम द्वारा लगाए गए वेस्ट कलेक्टर्स को दिया जाना चाहिए।

नगर निगम ने इन्हें भेजे नोटिस

नगर निगम की ओर से पीजीआई और गवर्नमेंट मेडिकल कालेज एंड हॉस्पिटल सेक्टर-32 के अलावा पंजाब यूनिवर्सिटी, पंजाब इंजीनियरिंग कालेज, सेक्टर 50 की बीएसएनएल सोसायटी और प्रोग्रेसिव सोसाश्टी, सेक्टर 48 की केंद्रीय विहार सोसायटी और सेक्टर 49 की पुष्पक सोसायटी तथा मार्केट कमेटी सेक्टर 26 को यह नोटिस भेजे गए हैं।

15 जनवरी तक सुधार को दिया समय

नगर निगम कमिश्नर अनंदिता मित्र ने बताया कि निगम ने इन सभी को नोटिस जारी करके अगले साल 15 जनवरी तक सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रबंधन के तहत नियमों अनुसार व्यवस्था करने को कहा गया है। अन्यथा इन पर कानून अनुसार आगे कि करवाई कि जाएगी और एफआईआर भी दर्ज करवाई जा सकती है।