भाजपा के प्लान-बी से कांग्रेस में हलचल

चुनाव से पूर्व कांग्रेस से भाजपा में गए नेताओं पर नजर

बहुमत मिलने के बाद अपने विधायक टूटने की आशंका

पार्टी विधायकों को बाहर ले जाने की तैयारी अभी नहीं

राजेश मंढोत्रा — शिमला

विधानसभा चुनाव की मतगणना से पहले भाजपा की प्लान-बी से कांग्रेस के भीतर हलचल तेज है। सत्तारूढ़ दल का अपना आकलन था कि यदि 32 सीटें मिल गईं, तो चार निर्दलीय विधायकों के साथ सरकार दोबारा बन सकती है, लेकिन यदि यह आंकड़ा भी ठीक नहीं बैठा तो प्लान-बी पर काम चल रहा है। इसमें भाजपा ने उन्हीं नेताओं को काम दिया हुआ है, जो कांग्रेस छोडक़र पार्टी में आए हैं। यह दल-बदल भी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हुआ था। इसलिए कांग्रेस की नजर अब ऐसे नेताओं पर हैं, जो अभी कांग्रेस से भाजपा में गए हैं। आशंका है कि बहुमत मिलने के बावजूद क्या कांग्रेस के कुछ विधायक टूट सकते हैं या नहीं? हिमाचल में इस तरह पहले कभी हुआ नहीं है, इसलिए संभावनाएं भी नगण्य हैं, लेकिन जिस तरह से कुछ नेताओं ने चुनाव पूर्व पाला बदला था और उनमें से कुछ ऐसे हैं, जो पार्टी के कई नेताओं के संपर्क में भी हैं, तो इन संभावनाओं से इनकार भी नहीं किया जा सकता। ऐसे में कांग्रेस को भी मतगणना के दिन के लिए अपनी-अलग योजना बनानी पड़ रही है।

हालांकि अभी कांग्रेस के विधायकों को सरकार बनने तक राज्य से बाहर ले जाने की तैयारी नहीं है और सभी अपने चुनाव क्षेत्र में मतगणना की निगरानी करेंगे, लेकिन इन संभावनाओं को तब ज्यादा ताकत मिलेगी, जब दोनों ही दल बहुमत के आंकड़े को न छू पाएं। ऐसा सिर्फ एक बार 1998 में हुआ था और उस तरह की स्थितियां इस बार चुनाव में नहीं थीं। फिर भी राजनीति में कुछ भी संभव है, इसलिए जब तक नतीजे नहीं आ जाते, तब तक अटकलें जारी रहेंगी। उधर, भाजपा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को मतगणना वाले दिन अपने चुनाव क्षेत्र सराज जाने से रोक दिया है और उन्हें शिमला कंट्रोल रूम में ही रहने को कहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि यदि किसी से बातचीत करने की जरूरत हुई तो कंट्रोल रूम से ही इस बारे में फैसला लिया जा सकता है। (एचडीएम)

दिल्ली गए भाजपा अध्यक्ष

हिमाचल भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप दिल्ली गए हैं। वह राष्ट्रीय पदाधिकारी बैठक में भी शामिल हुए। यह बैठक सोमवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। प्रदेश अध्यक्ष ने हिमाचल के चुनावों से संबंधित सभी जानकारियां राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रधानमंत्री से साझा की। हालांकि जेपी नड्डा हिमाचल में कुछ नेताओं के साथ खुद संपर्क में हैं और सरकार बनने की सभी संभावनाओं को लेकर भाजपा फैसला लेने को तैयार है।