37 साल की परंपरा टूटेगी या बनी रहेगी

आज खुलेगा किस्मत का पिटारा,1985 से लगातार जारी है हिमाचल में सरकार बदलने का रिवाज

नरेन कुमार-धर्मशाला

देवभूमि हिमाचल में पिछले 37 वर्षों से कांग्रेस-भाजपा की बारी-बारी की परंपरा अब तक जारी रही है। पिछले आठ विधानसभा कार्यकाल में कांग्रेस और भाजपा ने चार-चार बार हिमाचल प्रदेश की सत्ता की बागडोर संभाली है। शनिवार 12 नवंबर को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 के तहत 14वीं विधानसभा के लिए मतदान हुआ था। आज आठ दिसंबर गुरुवार को जनता जनार्धन का फैसला सुबह आठ बजे के बाद से सामने आना शुरू हो जाएगा। वहीं मतदान के बाद अब यक्ष प्रश्र हिमाचल सहित देश भर में बड़ा चर्चा बना हुआ है कि इस बार क्या हिमाचल अपना इतिहास जारी रखेगा, या नई रिवायत बनेगी। आज दोपहर 12 बजे तक जवाब मिल जाएगा। बहरहाल पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में लगातार जारी रिवाज की बात करें, तो 1985 से हिमाचल में सरकार बदलने का रिवाज लगातार जारी रहा है। तो ऐसे में इस बार भी बड़े सवाल उठ रहे हैं कि क्या भाजपा बना पाएगी नया रिवाज, या कांग्रेस की फिर से आएगी बारी। वर्ष 1985 के बाद से देवभूमि हिमाचल ने कोई सरकार नहीं दोहराई, लेकिन सवाल यह है कि क्या बीजेपी इस बार भी उत्तराखंड की तरह प्रदेश में इस बार ट्रेंड बदलेगी। अब तक आठ कार्यकालों में कांग्रेस और भाजपा को बारी-बारी से चार-चार बार मौका मिला है।

वर्ष 1985 में कांग्रेस ने 68 विधानसभा सीटों में से 58 पर जीत हासिल की, जबकि भाजपा को यहां सात सीटें मिली थी। प्रचंड जीत के पांच साल बाद 1990 के चुनावों में भाजपा के 46 सीटें जीतने के साथ कांग्रेस दूसरा कार्यकाल हासिल करने में विफल रही। 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद हिमाचल में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। इसके बाद फिर जब 1993 में विधानसभा चुनाव हुए, तो कांग्रेस 52 सीटें जीतकर सत्ता में लौटी और वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री के रूप में दूसरी बार सत्ता में आए। इसके बाद वर्ष 1998 के चुनावों में कांग्रेस और भाजपा ने 31-31 सीटें जीतीं, लेकिन भाजपा ने हिमाचल विकास कांग्रेस की मदद से सरकार बनाई। इस बार प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री बनाया गया। 2003 के विधानसभा चुनाव में भी यही पैटर्न जारी रहा, जब कांग्रेस ने 43 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की और वीरभद्र सिंह को मुख्यमंत्री बनाया गया। 2007 के चुनाव में बीजेपी ने 41 सीटों पर फिर से कब्जा कर लिया। साल 2012 में कांग्रेस ने 36 विधायकों के साथ सरकार बनाई, जबकि भाजपा ने 2017 के चुनाव में 44 सीटें जीतकर दो-तिहाई बहुमत हासिल किया। इस तरह से हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 में हिमाचल में जारी रिवाज के तहत अब कांग्रेस की बारी दिख रही है। जबकि मौजूदा स्थिति के तहत भारतीय जनता पार्टी हिमाचल के पड़ोसी राज्य उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश में ऐसा ही ट्रेंड तोड़ चुकी है, जिसके बूते हिमाचल में भी भाजपा ने इस बार नया रिवाज बनाएंगे, फिर भाजपा जाएंगे का नारा दिया है।

(एचडीएम)