सुरक्षित हो फोरलेन का सुहाना सफर

यह फोरलेन प्रदेश के लोगों के लिए वरदान साबित होगा। आवश्यकता है कि यह सभी के लिए सुगम, आनंददायक तथा सुरक्षित हो…

हिमाचल प्रदेश में कीरतपुर-मनाली फोरलेन हाईवे लगभग बन कर तैयार है। कुछ ही समय बाद औपचारिक एवं आधिकारिक रूप से इसका लोकार्पण कर प्रदेश के लोगों को समर्पित किया जाएगा। जहां यह नेशनल हाईवे प्रदेश के विभिन्न स्थानों की दूरी को कम करेगा, वहीं यह मार्ग प्रदेश के पर्यटन को भी बढ़ावा देने में मददगार साबित होगा। हर वर्ष अगस्त तथा सितम्बर माह में बिलासपुर की गोविंद सागर झील का सुंदर नजारा सभी सैलानियों को आकर्षित करेगा। यह फोरलेन भारत-चीन सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगा। एनएचएआई यानी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा गावर कंस्ट्रक्शन कंपनी के तत्वावधान में निर्मित इस मार्ग पर यात्रा करने वाले लोगों को अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ सुरक्षित यात्रा के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। कीरतपुर-मनाली राष्ट्रीय मार्ग की लगभग 190 किलोमीटर सडक़ का लगभग 180 किलोमीटर भाग प्रदेश के तीन जि़लों बिलासपुर, मण्डी तथा कुल्लू से होकर गुजरेगा। इस राजमार्ग पर कैंची मोड़ से लेकर मण्डी की सीमा भवाणा तक बाईस छोटे-बड़े पुल तथा पांच टनल बन कर तैयार हो चुके हैं।

पांच टनलों में कैंची मोड़ से मैहलां टनल 1800 मीटर, थापना टनल 550 मीटर, मल्यावर टनल 1265 मीटर तथा मण्डी जिला में डैहर के पास टनल की लम्बाई 740 मीटर है। पर्यटकों की सुविधा के लिए पण्डोह से आगे निर्मित सभी टनल खोल दिए गए हैं। ये सभी पुल तथा टनल अत्याधुनिक तकनीक से तैयार किए गए हैं। टनलों के मुहाने पर भगवान शिव, महावीर हनुमान की बडी-बड़ी पेंटिंग के साथ हिमाचल प्रदेश की कला एवं संस्कृति के चित्र सबका मन मोह रहे हैं। इस फोरलेन पर सीसीटीवी कैमरे, वीडियो इंसीडेंट डिटैक्शन सिस्टम, वैरिएवल मैसेज साइन, स्वचलित यातायात पटल, सडक़ किनारे एवं ओवरहेड वाहनगति दर्शाते डिस्प्ले बोर्ड, ऑप्टिक फाइबर कनैक्टिविटी, इमरजेंसी कॉल बाक्स स्थापित किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार इस हाईवे से गुजरने वाले लोगों की सुविधा, सूचना तथा सुरक्षा के लिए बिलासपुर, मण्डी तथा कुल्लू में टूरिस्ट कम पुलिस स्टेशन स्थापित करने जा रही है। इसके अतिरिक्त इस समय प्रदेश में पठानकोट-मण्डी, कालका-शिमला तथा मटौर-शिमला राष्ट्रीय राजमार्गों का कार्य भी प्रगति पर है। ये सभी फोरलेन पहाड़ के वर्षों से उपेक्षित, पिछड़े एवं दूरदराज के क्षेत्रों के लोगों की परेशानियां एवं दु:ख-दर्द कम करेंगे। इनके निर्माण से लोगों की परेशानियां कम होंगी तथा उनका जीवन सरल एवं सहज होगा। इन सभी राजमार्गों को नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मानकों के अनुसार बनाया जा रहा है। प्रदेश की पहाडिय़ों, घाटियों, पुलों, टनलों तथा घुमावदार सडक़ों से गुजरने वाले इन क्षेत्रों से यह यात्रा काफी सुगम तथा रोमांचित करने वाली होगी। फोरलेन सडक़ संस्कृति अभी हिमाचल प्रदेश में नई-नई है। जहां बहुत सी चीजें पहाड़ी लोगों को आकर्षित एवं रोमांचित करेंगी, वहीं पर अभी तक उपेक्षित एवं वंचित रहे इन लोगों के जीवन में बहुत सा बाहरी दखल भी उनको परेशान करने वाला है। अभी उन्हें इस फोरलेन सडक़ तथा परिवहन संस्कृति में अभ्यस्त होने में समय लगेगा। नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ-साथ प्रदेश सरकार को भी चाहिए कि अपने स्तर पर भी स्थानीय तथा पुलिस प्रशासन को सचेत, सावधान तथा सतर्क रखे।

पिछले दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंन्दर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में इस फोरलेन निर्माण कार्यों का जायजा लिया गया तथा इसके मानकों एवं सुरक्षा सम्बन्धी सभी बिंदुओं पर अन्तिम रूप से विचार-विमर्श किया गया ताकि यह फोरलेन सभी के लिए सुगम तथा सुरक्षित हो। इस बैठक में प्रदेश पुलिस महानिदेशक के साथ अन्य राजस्व, पुलिस, प्रशासनिक तथा एनएचएआई के आला अधिकारी शामिल थे। फोरलेन में सुरक्षित यातायात तथा सुचारू संचालन के लिए एक रोडमैप तैयार कर लिया गया है। फोरलेन पर लॉ एंड ऑर्डर, सुरक्षा तथा दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए पुख्ता इंतजाम कर लिए गए हैं। डीआईजी मंडी मधुसूदन शर्मा की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है जिसमें बिलासपुर, मंडी तथा कुल्लू के पुलिस अधीक्षक शामिल हैं। जहां यह फोरलेन प्रदेश के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा, वहीं पर कुछ समस्याएं भी पैदा होने वाली हैं। फोरलेन की तीव्र गति जान-माल की सुरक्षा की दृष्टि से चुनौती होगी। इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवारा पशु अभी से ही एक समस्या बन चुके हैं। सडक़ पर आवारा पशुओं की मौजूदगी दुर्घटनाओं के लिए खुला आमंत्रण बन चुका है। सर्दियों में कोहरा तथा धुंध यातायात के लिए बहुत बड़ी चुनौती होगी। अभी प्रदेश के लोग फोरलेन यातायात की संस्कृति से अधिक परिचित नहीं हैं। फोरलेन पर आसपास के लोगों को सुबह-शाम अपने बच्चों को उंगली पकड़ कर घुमाते तथा सैर करते हुए देखा जा सकता है।

कृषक सिर पर घास की गठरियां उठा कर सडक़ मार्ग को आराम से बेखौफ पार कर रहे हैं। दिल्ली, हरियाणा तथा पंजाब के लोग अभी इस रास्ते से परिचित नहीं हैं। समतल मार्ग तथा घुमावदार घाटियों की सुंदरता उन्हें रोमांचित करते हुए तीव्र गति से वाहन चलाने के लिए आकर्षित कर रही है। इस मार्ग का अभी विधिवत शुभारंभ भी नहीं हुआ है, इसके बावजूद कई दुर्घटनाएं घटित हो चुकी हैं। वर्षों की परेशानियां झेल कर इस फोरलेन के निर्माण से लोग जहां ख़ुश हैं वहीं पर फोरलेन के नियमों से परिचित भी नहीं हैं। दिन-रात ट्रैफिक चलने से उनका अमन-ओ-चैन भी प्रभावित होगा। फोरलेन के दोनों ओर धड़ाधड़ जमीनें बिक रही हैं। भवन निर्माण ने गति पकड़ ली है तथा व्यावसायिक गतिविधियां भी शुरू हो रही हैं। भविष्य में प्रदेश के इन क्षेत्रों में संदिग्ध व्यक्तियों का आना-जाना भी होगा। चोरी, ठगी, डकैती, अपराध तथा जान-माल की सुरक्षा एवं सतर्कता भी सरोकार का विषय है। हाईवे पर क्राइम बढऩे की संभावना भी रहती है। आवश्यक है कि इन सभी चुनौतियों से निपटने के लिए नवनिर्मित फोरलेन के आसपास के लोगों को शिक्षित किया जाए ताकि वे सावधान, सचेत तथा सतर्क रहें। हाईवे पैट्रोलिंग को शुरू में ही सतर्क करने की आवश्यकता होगी। यह सही है कि यह फोरलेन प्रदेश में विकास की इबारत लिखने में अपनी भूमिका निभाएगा। निश्चित रूप से यह फोरलेन प्रदेश के लोगों के लिए वरदान साबित होगा। आवश्यकता है कि यह सभी के लिए सुगम, आनंददायक तथा सुरक्षित हो।

प्रो. सुरेश शर्मा

शिक्षाविद