डीएवी पिहोवा में शहीदों को श्रद्धांजलि, कारगिल विजय दिवस भारतीय सेना के साहस, पराक्रम और शौर्य का प्रतीक

मुकेश डोलिया — पिहोवा

डीएवी कालेज पिहोवा में प्रो. हंसराज व्याख्यान माला के अंतर्गत कारगिल विजय दिवस के अवसर व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसमें प्रो. नैब सिंह नैहरा मुख्यातिथि के रूप में पधारे। डा. नैब सिंह ने अपने व्याख्यान में विधार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि देश कारगिल विजय दिवस के चौबीस वर्ष को मना रहा है। इस युद्ध में भारतीय नौजवानों के साहस और पराक्रम का लोहा पूरे विश्व ने देखा। भारतीय नौजवानों के साहस और पराक्रम पर हर भारतवासी को गर्व करना चाहिए। प्राचार्य डा. झा ने कहा कि तीन मई से 26 जुलाई, 1999 यह वही तारीख है, जब भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के करगिल में पाकिस्तानी सेना को हराया था। इस युद्ध में भारत ने अपने 527 जवानों को खो दिया था जबकि, 1363 जवान घायल हुए थे।

भारतीय जवानों ने इस युद्ध में अपने खून का आखिरी कतरा देश की रक्षा के लिए न्यौछावर कर दिया था इन जांबाजों के शौर्य की कहानियां आज भी हमें गर्व महसूस करवाती हैं। आज हम खुली हवा में सांस इसलिए ले पा रहे हैं, क्योंकि किसी समय में 0 डिग्री से कम तापमान में हमारे सैनिकों ने ऑक्सीजन की कमी के बावजूद अपनी बंदूकें कभी नीचे नहीं की। आज कारगिल में भारत का ध्वज इसलिए लहरा रहा हैं। इस अवसर पर महाविद्यालय की एनएसएस और एनसीसी इकाई के सभी विधार्थी उपस्थित रहे। डा. अशोक कुमार प्रोग्राम आफिसर एनएसएस ने उपस्थित मेहमानों का धन्यवाद किया। इस अवसर पर महाविद्यालय का समस्त टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ उपस्थित रहा।