चंडीगढ़ में मेयर का चुनाव कल, आप-कांग्रेस के कुलदीप कुमार-भाजपा के मनोज सोनकर के बीच मुकाबला

चुनावों को लेकर शहरवासियों में उत्सुकता, आप-कांग्रेस के कुलदीप कुमार-भाजपा के मनोज सोनकर के बीच मुकाबला

दिव्य हिमाचल ब्यूरो—चंडीगढ़

चंडीगढ़ नगर निगम में आने वाली 30 जनवरी को होने वाले मेयर चुनाव से पहले जहां राजनितिक पार्टियों की ओर से अपने पार्षदों को दल-बदल की राजनीति से बचाने के लिए पुरे प्रयास किए जा रहे है, वहीं इन चुनावों में शहर के मेयर को लेकर राजनीति के गलयारे में उत्सुकता का महौल बना हुआ है। इन चुनावों को लेकर आप-कांग्रेस के गठबंधन के बाद भाजपा के लिए मेयर की सीट पक्की रखने के सपनों की उड़ान पर मुश्किल खड़ी कर दी है, वहीं चुनाव में दोनों पार्टियों के पार्षदों के स्पष्ट बहुमत होने के बावजूद दल बदलने की राजनीति से डरे हुए है। इसी डर की वजह से आप तथा कांग्रेस पार्टी के पार्षद पिछले लंबे समय से पंजाब की सैर पर है। उधर भाजपा के पार्षद भी चंडीगढ़ के बाहर पंचकूला या अन्य स्थान पर भेजे हुए है। नगर निगम के चुने हुए पार्षद शहर के मेयर के लिए होने वाले चुनाव में वोटिंग करते हैए एक वोट स्थानीय संसद का भी गिना जाता है। इस तरह नगर निगम के कुल 35 चुने हुए पार्षदों सहित एक वोट संसद की मिलाकर कुल 36 वोटें बनती है। इनमे आप-कांग्रेस गठबंधन की (13 आप, सात कांग्रेस) 20 वोटें बनती है और भाजपा के पास अपने पार्षदों की 14 और संसद की वोट मिलाकर कुल 15 वोटें है। एक वोट शिरोमणि अकाली दल के पार्षद की है।

निगम में नौ नोमिनेटड पार्षद भी हैए लेकिन उन्हें मेयर के चुनाव में फिलहाल वोटिंग का अधिकार नहीं है। मेयर का चुनाव जीतने के लिए 19 वोटों की जरूरत है। आप-कांग्रेस गठबंधन अपने कुल 20 पार्षदों की बल पर मेयर का चुनाव जीतने के लिए पूरी तरह से आश्वस्त है। भाजपा का कहना है कि उनकी पार्टी की और से किये गए विकास कार्यों को लेकर अन्य पार्टियों के पार्षद भी उनकी पार्टी के उमीदवार कोई वोट डालेंगे और मेयर की सीट पर भाजपा का उमीदवार विजयी रहेगा। मेयर की सीट के लिए आप-कांग्रेस के कुलदीप कुमार टीटा और भाजपा के मनोज सोनकर के बीच सीधा मुकाबला है।

‘आप’ ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दायर की थी पिटीशन

चंडीगढ़ शहर के मेयर का कार्यकाल एक वर्ष का होता है और मौजूदा मेयर का कार्यकाल पूरा होने के बाद बीती दस जनवरी को शहर के उपायुक्त ने 18 जनवरी को मेयर के चुनाव करवाने को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया था। चुनाव को लेकर भाजपा सहित कांग्रेस और आप ने मेयर सहित सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के लिए अपनी अपनी पार्टी की तरफ से उम्मीदवार मैदान में उतार कर उनके नामांकन पत्र भरे थे। लेकिन चंडीगढ़ की राजनीति में हुए एक बड़े घटनाक्रम में मेयर के चुनाव को लेकर आप और कांग्रेस ने गठजोड़ कर यह चुनाव सांझे उम्मीदवारों के बल पर लडऩे का ऐलान कर दिया था। इसके बाद मेयर पद के लिए कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार की ओर से गठबंधन के समझते के तहत जब अपना नामांकन पत्र वापसी के लिए नगर निगम पहुंचे थे तो वहां हंगामा हो गया था और प्रशासन ने सुरक्षा कारणों की दलील देकर मेयर का चुनाव रद्द कर दिया था और उसके बाद एक नोटिफिकेशन जारी कर यह चुनाव छह फरवरी को करवाने के फैसला किया था। प्रशासन की ओर से 18 को चुनाव रद्द करने और उसके बाद छह फरवरी को करवाने के फैसले के खिलाफ ‘आप’ ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की थी। पिटीशन की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रशासन को मेयर का चुनाव 30 जनवरी को करवाने का आदेश दिया था।