चंडीगढ़ में 2325 करोड़ रुपए का बजट पेश, मेयर ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजट ड्राफ्ट किया पारित

मेयर कुलदीप कुमार ने आप-कांग्रेस पार्षदों की मौजूदगी में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजट ड्राफ्ट किया पारित

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — चंडीगढ़

चंडीगढ़ नगर निगम में सियासत चरम सीमा पर है। नवनियुयक्त मेयर कुलदीप कुमार ने बुधवार को नगर निगम की विशेष मीटिंग में अगले वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 2325.21 करोड़ रुपए का बजट ड्राफ्ट पेश किया, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। हालांकि बजट पेश करने से पहले मेयर कुलदीप सिंह ने निगम हाउस की मीटिंग बुलाई थी, लेकिन इस मीटिंग में भाजपा ने विरोध किया। उनका मानना था कि नगर निगम की फाइनांस एंड कॉन्ट्रेक्ट कमेटी में चर्चा किए बिना बजट सदन में नहीं लाया जा सकता, जिसके बाद मीटिंग रद्द करने का निर्णय लिया गया। मगर मेयर कुलदीप कुमार ने उन्हें नजरअंदाज कर उनकी गैर मौजूदगी में यह बजट पेश कर दिया। बैठक में विपक्षी दल भाजपा के पार्षद और मनोनीत पार्षद मीटिंग के रद्द होने की कारण शामिल नहीं हुए तथा मेयर ने केवल आप-कांग्रेस पार्षदों की उपस्थिति में लगभग पौने घंटा चली इस मीटिंग में नगर निगम का यह बजट पेश कर पारित किया। बजट की शुरुआत के मौके पर मेयर कुलदीप कुमार ने आप और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए पंजाब जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड के चेयरमैन और आप चंडीगढ़ के सह.प्रभारी डॉण् एसएस आहलूवालिया और कांग्रेस अध्यक्ष एचण्एसण् लकीए सभी पार्षदों और विशेष रूप से पार्षद पूनम कुमारीए नेहा मुसावत और गुरचरणजीत सिंह काला का उनको वोट देकर चंडीगढ़ के लोगों की सेवा करने का मौका देने के लिए धन्यवाद किया।

बजट में मेयर कुलदीप कुमार द्वारा चंडीगढ़ वासियों के लिए विभिन्न सुविधाओं के प्रावधान के तहत शहर के बुनियादी ढांचेए स्वास्थ्य सुविधाएंए आवारा कुत्तों का प्रबंधनए नए पुस्तकालयों का निर्माणए सामुदायिक केंद्रों का निर्माणए बायो मिथेनेशन प्लांट का निर्माणए गौशालाओं में ईटीपी का निर्माणए टीटी पानी की पाइप लाइन बिछानेए 24 घंटे पानी उपलब्ध करानेए ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक शहरी सुविधाएं उपलब्ध करानेए ईडब्ल्यूएस कॉलोनियों और वेंडिंग जोन के रखरखाव के लिए भारी बजट की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही मेयर ने एक मजबूत शिकायत निवारण प्रणाली शुरू करने की भी घोषणा की है। उधर मेयर की और से मीटिंग रद्द किये जाने के बावजूद पार्टी किए गए बजट को लेकर माहिरों का कहना है कि प्रशासन इस मीटिंग को अमान्य मानकर बजट को वापस भेज सकता है। मेयर की ओर से मीटिंग रद्द होने कि बावजूद की गई मीटिंग का सारा खर्च मेयर से वसूलने की मांग की है।