अनसुलझी रही एमएच-370 की पहेली

By: Jan 18th, 2017 12:04 am

तीन साल; हजार करोड़ खर्च, नतीजा शून्य, तलाशी अभियान खत्म

newsसिडनी —  करीब तीन साल की कोशिशों और 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने के बाद मलेशिया के लापता प्लेन एमएच-370 का सर्च आपरेशन बंद कर दिया गया। सर्च क्रू ने हिंद महासागर में काफी गहराई तक प्लेन को खोजने की कोशिशें कीं, लेकिन इसका कोई सुराग नहीं मिला। आस्ट्रेलिया, मलेशिया और चीन सरकार ने मंगलवार को कहा कि सर्च आपरेशन का कोई नतीजा नहीं निकलने पर इसे बंद कर दिया गया है। इस विमान ने आठ मार्च, 2014 को मलेशिया से बीजिंग की उड़ान भरी थी। विमान कभी चीन नहीं पहुंचा और रास्ते में ही गायब हो गया। पिछले तीन सालों से समुद्र में गहराई तक तलाश करने और हरसंभव कोशिश करने के बावजूद आज तक इस गुमशुदा विमान का एक कतरा भी हाथ नहीं आ सका है। आस्ट्रेलिया स्थित ज्वाइंट एजेंसी को-आर्डिनेशन सेंटर इस लापता विमान की तलाश के लिए शुरू किए गए 10 अरब रुपए के अभियान का नेतृत्व कर रहा था। एजेंसी ने कहा है कि 120000 स्क्वायर किलोमीटर के इलाके में विमान की तलाश करने के बाद भी कोई नतीजा हाथ नहीं लगा। इसी कारण अब इस तलाशी अभियान को आधिकारिक तौर पर निलंबित कर दिया गया है। एजेंसी ने एक बयान जारी कर कहा कि विज्ञान और तकनीक के सबसे उन्नत साधनों का इस्तेमाल करने और अपने-अपने क्षेत्र के विशेषज्ञों की हर मुमकिन कोशिश के बावजूद हम गुमशुदा विमान को नहीं खोज सके। इसी कारण एमएच-370 को समुद्र के नीचे तलाश करने का अभियान बंद कर दिया गया है। यह फैसला हमने न तो हल्के में लिया है और न ही इसके पीछे किसी तरह की निराशा है। इस विमान के गायब होने के मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने एक नई जगह पर तलाशी अभियान शुरू किए जाने की सलाह दी थी। अधिकारियों ने उत्तर की ओर का एक नया इलाका बताकर अनुमान जताया था कि यह विमान हादसे की संभावित जगह हो सकती है। आस्ट्रेलिया की सरकार ने इस योजना को खारिज कर दिया है। पिछले साल आस्ट्रेलिया, मलेशिया और चीन के बीच इस बात पर सहमति कायम हुई थी कि अगर लापता विमान की ठीक-ठीक स्थिति के बारे में नए और ठोस सबूत सामने नहीं आए तो इस तलाशी अभियान को खत्म मान लिया जाएगा। मालूम हो कि इन तीनों देशों ने मिलकर इस अभियान के लिए फंडिंग की है। विमानन इतिहास में यह तलाशी अभियान सबसे महंगा और जटिल है। ऐसी संभावना है कि शायद कोई निजी दानकर्ता इस तलाशी अभियान के लिए दान दे। अगर ऐसा नहीं होता है तो शायद खुद मलेशिया ही इसके लिए नए सिरे से फंड का इंतजाम कर सकता है। अभी तक हालांकि इनमें से कोई भी संभावना सही साबित होते हुए नहीं दिख रही है। ऐसे में मुमकिन लग रहा है कि विमानन इतिहास की यह सबसे अबूझ पहेली हमेशा-हमेशा के लिए अनसुलझी ही रह जाएगी।

239 यात्री थे सवार

आठ मार्च, 2014 में कुआलालंपुर से बीजिंग जाते हुए लापता हुए मलेशिया एयरलाइंस के एमएच-370 विमान में 239 यात्री सवार थे। प्लेन हिंद महासागर में किसी अनजान जगह हादसे का शिकार हुआ था।


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