विचार

शिष्यों और गुरुओं के बीच संबंध बहुत मूल्यवान थे, परंतु आज शिक्षा ग्रहण करने का स्वरूप बदलता हुआ दिखाई देता है। अधिकतर बच्चे स्कूलों में अपने मनोरंजनात्मक कार्यों के लिए पाठशाला में समय बिताने आते हैं।

चुनावी बॉन्ड को सर्वोच्च अदालत ‘असंवैधानिक’ करार दे चुकी है और उन पर रोक भी लगा दी गई है, लिहाजा यह अध्याय यहीं समाप्त हो जाना चाहिए था। अब चुनाव आयोग अपनी वेबसाइट पर वे ब्योरे जारी कर रहा...

हिमाचल में कांग्रेस का नया युग, बीते कल से मुकाबला कर रहा है। जाहिर है भाषण और भाषा सडक़ की सभ्यता में नए उच्चारण तक पहुंच गई है या राजनीति का मनोविज्ञान अब बोलने की नई परिभाषा है। आगामी लोकसभा चुनाव की फांस में सरकार, सत्ता और कांग्रेस के बीच नए अफसाने जन्म ले रहे

हो सकता है कि आप मुझसे पूछें कि रीढ़, पायदान और पदोन्नति का आपस में क्या सम्बन्ध है। तो साधो! सदी के लिजलिजे महानट के पिता डॉ. हरिवंश राय बच्चन ने अपनी कविता ‘मैं हूँ उनके साथ, खड़ी जो सीधी रखते

लोकसभा चुनावों की घोषणा हो चुकी है। भारत में सात चरणों में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। इसी के साथ आचार संहिता भी लागू हो गई है। कोई भी दल इसका उल्लंघन न कर पाए, इसके लिए आयोग ने कड़े प्रावधान किए हैं। अगर कोई नेता किसी अपराध में अभियुक्त बनाया गया

जनादेश का लोकतांत्रिक पर्व एक बार फिर आया है। यह ऐसा पर्व है, जब देश की आम जनता वोट देकर लोकतंत्र को जिंदा रखती है और इस तरह देश के गणतंत्र और संविधान भी प्रासंगिक रहते हैं। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का चुनावी पर्व भी व्यापक और गहरा होता है। करीब 97 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर 18वीं लोकसभा, विधानसभाओं और अंतत: भारत सरकार का निर्वाचन करेंगे। इससे बड़ा लोकतंत्र और क्या हो सकता है? इतना विशाल और विराट लोकतंत्र अपने अस्तित्व के खतरे में कैसे हो

राष्ट्रीय चुनाव की कसौटी के बीच हिमाचल की अपनी भी एक पड़ताल अवश्यंभावी दिखाई दे रही है। भले ही आज यानी 18 मार्च में वक्त की सूइयां सुप्रीम कोर्ट से मुखातिब हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव के साथ उपचुनाव के दस्तावेज तैयार हैं। राजनीतिक घटनाक्रम किसको दगा दे गया या आगे चलकर उपचुनाव किस करवट बैठेंगे, यह कयास लगाना इतना भी आसान नहीं कि हम

हम उम्मीद करें कि आगामी लोकसभा चुनाव के बाद देश वैश्विक आर्थिक संगठनों की रिपोर्टों के मुताबिक वर्ष 2027 में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

यह देश के स्वायत्त संस्थानों के असंवेदनशील व्यवहार के प्रति देश की सर्वोच्च अदालत का असाधारण आदेश है। सर्वोच्च न्यायालय का यह आदेश लोकतांत्रिक व्यवस्था के अधीनस्थ संस्थाओं की निरंकुशता व असंवैधानिक कृत्यों पर रोक लगाने में कारगर साबित होगा...