विचार

कम से कम बीस मिनटों तक तेज चलने, दौडऩे व शारीरिक क्रियाओं के करने से रक्त वाहिकाओं में रक्त संचार तेज हो जाता है। उससे हर मसल को उपयुक्त मात्रा में प्राणवायु मिलने से उसका समुचित विकास होता है। विद्यार्थी को कल का अच्छा नागरिक बनाना है तो उसे फिटनेस कार्यक्रम देना होगा...

जेल जाने के फायदे इतने हैं कि आजकल जेल जाने की होड़ सी मची हुई है। एक सोचता है कि वह जेल चला गया तो मैं क्यों पीछे रहूं? इससे भ्रष्टाचार बढ़ता है और भ्रष्टाचार से होने वाले लाभों से तो आज हम सब परिचित हैं। तिहाड़ जेल तो मानो मंदिर बन गई है, जहां बड़े-बड़े वीवीआईपी डेरा डाले हुए हैं। कई बार तो मुझे वहम होता है कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म तिहाड़ जेल में ही तो नहीं हुआ था? जेल जाने से व्यक्तित्व का विकास होता है और वह नए कृतित्वों की तरफ अग्रसर होता है। जेल जाना तीर्थयात्रा के स

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) की व्याख्या ही बदलने की कोशिश की है। उन्होंने कुछ सवाल उठाए हैं, जो भावोत्तेजक हैं। उनकी मंशा हिंदू-मुसलमान से आगे बढक़र आर्थिक संसाधनों और स्थितियों पर केंद्रित करने की है, ताकि राजनीति की दिशा और दशा बदली जा सके। हालांकि ऐसी संभावनाएं नगण्य हैं। संयुक्त राष्ट्र नागरिकता को व्यक्तिपरक सुरक्षा का बुनियादी तत्त्व मानता है और प्रताडि़त, शोषित, मानवाधिकार कुचलन के शिकार लोगों को ‘शरणार्थी’ के तौ

15 मार्च को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है। जानकार यह भी बताते हैं कि अमरीका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने इस

सियासत के अद्भुत प्रतीक और शिनाख्त के पद्चिन्हों में राजनीतिक सपूत चुनने की कवायद में आगामी लोकसभा चुनाव की दृष्टि सामने आ रही है। पांचवीं बार हमीरपुर लोकसभा के अपने अभेद्य दुर्ग पर अनुराग ठाकुर को भाजपा, लोकसभा में मुकाम दिखा रही है। शिमला से सुरेश कश्यप पर भरोसा जताने के बावजूद मंडी का जौहर दिखाने में भाजपा की सियासी किफायत और कांगड़ा की

इस देश के लोगों को उन कतारों में खड़े होने की आदत हो गई है, जो आगे नहीं सरकती। वैसे कतारों में खड़े होने की आदत यहां है भी नहीं। कतार तोड़ कर आगे बढ़ जाने की धक्कमपेल है। धक्का-मुक्की यहां शूरवीरता मानी जाती है और चोर दरवाजे खोल कर गद्दी पर आसीन हो जाना नए युग का धर्म। फिर जो आसीन हो गया, वह नीचे उतरता कहां है। संन्यास लेने का वक्त आ जाए, तो भी देश की चिंता उसे इतना सताती है कि उसका संन्यास मुल्तवी होता जाता है। यहां त्याग और तपस्या एक मुखौटा बन गई है, और जीवन

पार्टी आलाकमान का ऐसा एकाधिकार भी किसी लोकतंत्र का हिस्सा होता है, हमें याद नहीं है, लेकिन देश की सबसे बड़ी और सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी की इच्छा और एकाधिकार से ही संचालित होती है। प्रधानमंत्री की अचानक इच्छा हुई, तो हरियाणा के उस मुख्यमंत्री को, कुछ ही घंटों में, बदल दिया गया, जिसे जनादेश हासिल था। यह जनादेश अक्तूबर, 2024 के अंत तक का था। 2019 का विधानसभा चुनाव जिसके नेतृत्व में लड़ा गया और 41 विधायक जीत कर आए। यही नहीं, जो शख्स प्रधानमंत्री

कुछ तो शुक्रिया अदा शराब की बोतल का करें, जिसकी बदौलत प्रदेश का चूल्हा जलेगा। कोशिश हर बोतल से पूछ रही है कि इस बार कमाई के छबील पर कितना नशा बहेगा। ठेकेदारों की खिदमत में बोलियां लगाता आबकारी विभाग अपने सिर की जुएं निकाल देगा और फिर यूनिट दर यूनिट, इस महफिल में कमाने का जरिया, हमारी ही दरिद्रता के सामने अमीर हो जाएगा। पिछले दस महीनों में जिन लोगों ने नौ

दहेज का मतलब होता है बेटी को शादी के समय अपनी खुशी से कोई उपहार देना। भारत में यह प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है। लेकिन आधुनिक और भौतिकवाद के समय में आज कुछ लालची लोगों ने इसे कुप्रथा बना दिया है। हमारे देश में दहेज कुप्रथा अभी भी पैर पसारे हुए है। हिमाचल प्रदेश में भी इस कुप्रथा का चलन कोई कम नहीं है। यहां भी दहेज लेने-देने की रूढि़वादी परंपरा गरीबों के लिए अभिशाप बनी हुई है।