एशिया में अपनी किस्म का पहला पार्क है सुकेती

By: Jan 11th, 2017 12:05 am

सुकेती जीवाशम पार्क में प्रागैतिहासकि काल के पशुओं के आदम कद के फाइबर ग्लास के प्रतिरूप, जिनके जीवाशम, हड्डियों के ढांचे खुदाई में मिले हैं, यहां दर्शाए गए हैं। यह एशिया में अपनी किस्म का पहला पार्क हैे…

तांदी

यह चंद्र और भागा नदियों के संगम पर स्थित है एक पौराणिक कथा के अनुसार चंद्रमा की बेटी ‘चंद्रा’ और सूर्य का बेटा ‘भागा’ दो प्रेमी थे। अपनी सनातन शादी को मनवाने के लिए उन्होंने बारालाचा-ला(दर्रा) पर चढ़ने का निर्णय किया और वहां से वे विपरीत दिशाओं में भागे। चुस्त फुर्त होने के कारण चंद्रा ने दर्रे के नीचे आसानी से अपना रास्ता ढूंढ लिया और तांदी पहुंच गई। जल्दी ही भागा ने भी तंग खड्डों से संघर्ष करते हुए तांदी का रास्ता ढूंढ लिया, जहां अंततः दोनों मिले और दिव्य विवाह संपन्न हुआ। लाहुल के लोगों के लिए तांदी का महत्त्व वैसा ही है जैसा हिंदुओं के लिए हरिद्वार का। एक अन्य विश्वास के अनुसार महाभारत की कीर्ति द्रौपदी का दाह संस्कार यहां किया गया था। इस स्थान को तनदेही भी कहा जाता है (वह स्थान जहां व्यक्ति अपने शरीर का त्याग करता है)। ऐतिहासिक आलेख कहते हैं कि इस स्थान का संस्थापन चांदी के नाम से राजा चांद राम ने किया था, कालांतर में यही नामविकृत होकर तांदी बन गया।

स्वारघाट

स्वारघाट राष्ट्रीय उच्च् मार्ग नः 21 पर जिला बिलासपुर में शिवालिक पहाडि़यों में स्थित है। स्वारघाट से बिलासपुर जाते हुए कोई दूर पहाड़ी पर मलाओं किले के अवशेषों को देखे बिना नहीं रह सकता , जो ब्रिटिश, गोरखा, सिख और अंततः कई पहाड़ी राजाओं की कई ऐतिहासिक लड़ाइयों का साक्ष्य बना और शासकों से निकल कर जीवित बचा। यह अतीत में एक बड़े व्यापारिक केंद्र के रूप में विकसित हुआ है। जैसा कि यहां आबकारी और कराधन की चैक पोस्ट स्थापित हुई।

सुकेती जीवाशम पार्क

यह जिला सिरमौर में स्थित है। इसमें प्रागैतिहासकि काल के पशुओं के आदम कद के फाइबर ग्लास के प्रतिरूप, जिनके जीवाशम, हड्डियों के ढांचे खुदाई में मिले हैं, यहां दर्शाए गए हैं। यह एशिया में अपनी किस्म का पहला पार्क है, जो उस जगह विकसित किया गया है जहां खुदाई में जीवाशम खोजे गए थे। यह नाहन से 21 किलोमीटर की दूरी पर मार्कंडा नदी के बायें किनार पर स्थित है। पार्क में वर्तमान में आदम कद प्रतिरूपों के 6 समूह हैं। ये हैं प्रलुप्त बड़ा हाथी, 6 काटने वाले चौड़ दांतों वो दरियाई घोड़े,जमीन पर रहने वाला विशाल कछुआ, तलवार जैसे दांत वाले शेर, और मगरमच्छ ये जीव एक समय यहां फलते-फूलते थे।

 


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App