ढोल-नगाड़ों से वंशजों का स्वागत

By: Jan 22nd, 2017 12:10 am

NEWSशिलाई — माघी त्योहार का विशेष भाग खोड़ा पर्व मनाने 17 गांव के धिरवाण बिरादरी के हजारों लोग शुक्रवार को देर सायं नागरिक उपमंडल शिलाई के गांव मिल्लाह में पहुंचे। मिल्लाह गांव के धिरवाणों ने 17 गांव से आए उनके वंशजों को गांव पहुंचने पर ढोल नगाड़ों से उनका स्वागत किया। टिकरी, डसाकना, वियोंग, टटवा, नाया, खड़ाह, धिराईना सहित धिरवाण बिरादरी के लोगों ने मिल्लाह गांव के धिरवाणों का न्योता स्वीकार कर निर्णय लिया था कि 17 गांव के धिरवाणों की पूरी बिरादरी के लोग मिल्लाह गांव में एक महासम्मेलन आयोजित कर खोड़ा पर्व मनाएंगे। शुक्रवार देर सायं आधा दर्जन बसों व एक दर्जन छोटे वाहनों के माध्यम से 17 गांव के हजारों धिरवाण बिरादरी के लोग मिल्लाह पहुंचे, जहां शनिवार को वह खोड़ा पर्व मनाएंगे। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य अपनी बिरादरी को एकजुट करना व आपसी भाइचारे को बढ़ावा देना है माना जा रहा है तथा इस सम्मेलन में गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय घोषित करवाने बारे भी चर्चा होने की उम्मीद की जा रही है। धिरवाण लोगों ने इस महासम्मेलन में ग्रेट खली उर्फ दलीप सिंह राणा को भी न्योता दिया था, लेकिन वह इन दिनों न्यूयार्क में व्यस्त हैं वह इस सम्मेलन में भाग नहीं ले पा रहे हैं। मिल्लाह के निवासी मदन सिंह राणा, दलवीर सिंह राणा, सुरेंद्र सिंह राणा का कहना है कि धिरवाण बिरादरी का मूल गांव हरिपुरधार के समीप टिकरी डसाकना है। दशकों पूर्व इसी गांव से धिरवाण कमरऊ, धिराईना, वियोंग, मिल्लाह, टटवा सहित 17 गांव व जिला शिमला में भी पलायन हुए थे आज भी डसाकना में धिरवाणों के 20 परिवार रहते हैं। मिल्लाह पहुंचने पर बिरादरी के लोगों के स्वागत में भौज आयोजित किया गया। भौज में दावत के लिए एक दर्जन के करीब बकरे काटे गए। पूरी रात नाटियों व प्राचीन सांस्कृतिक हारूलों व लोक गीतों का दौर चलता रहा। आपस में लोगों का मेल मिलाप हुआ। शनिवार को खोड़ा पर्व मनाया गया। क्षेत्रीय परंपरा अनुसार दावत के दौरान मुख्य लोगों को बकरे का दिल बतौर शान ए शौकत परोसा गया। इस महामिलन सम्मेलन में धिरवाण लोगों व बाहर से आए मेहमानों ने खोड़ा पर्व का जमकर लुत्फ उठाया। इस यादगार पर्व में हजारों लोगों ने भाग लिया।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App