समसामयिकी

By: Jan 18th, 2017 12:07 am

रणजी ट्रॉफी

cereerगुजरात ने मुंबई को पांच विकेट से हराकर रणजी ट्रॉफी 2016-17 का खिताब जीत लिया है। गुजरात ने पहली बार यह खिताब जीता है। फाइनल में जीत के लिए मिले 312 रन के लक्ष्य को गुजरात ने कप्तान पार्थिव पटेल के शतक(143) के बूते 5 विकेट खोकर हासिल कर लिया। रणजी ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में गुजरात ने सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत दर्ज की है। इसी के साथ वह दिल्ली, होलकर, कर्नाटक और हरियाणा जैसी टीमों के ग्रुप में शामिल हो गई है जिसने फाइनल में मुंबई/बॉम्बे को हराकर रणजी ट्रॉफी जीती है। गुजरात रणजी चैंपियन बनने वाली 16वीं टीम है। गुजरात ने 2014-15 में सैयद मुश्ताक अली टी-20 ट्रॉफी और 2015-16 में विजय हजारे वनडे ट्रॉफी जीती थी और इस तरह से तीनों राष्ट्रीय खिताब जीतने वाली वह चौथी टीम बन गई है। गुजरात से पहले तमिलनाडु, बंगाल और उत्तर प्रदेश यह कारनामा कर चुके हैं। वहीं मुंबई 46वीं बार फाइनल में पहुंचा था, जो कि एक रिकार्ड है। इससे पहले वह आखिरी बार 1950-51 में फाइनल में पहुंची थी। उस समय उसे होलकर टीम के हाथों हार झेलनी पड़ी थी। गुजरात ने रणजी फाइनल में सबसे बड़े लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा करने का रिकार्ड भी बना दिया। इससे पहले 1937-38 में हैदराबाद और नवानगर के बीच खेले गए फाइनल में हैदराबाद ने 310 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए ट्रॉफी पर कब्जा किया था।यह मुंबई की(बंबई से मुंबई)बनने के बाद रणजी फाइनल में पहली हार है। इससे पहले मुंबई की पहली पारी 228 रन तक चली थी। इसके जवाब में गुजरात ने 328 रन बनाए। दूसरी पारी में मुंबई ने सुधरा हुआ प्रदर्शन किया। अभिषेक नायर (91, श्रेयस अयर(82) और आदित्य तारे(69) की अर्द्धशतकीय पारियों के बूते उसने 411 रन बनाए। इसके चलते गुजरात को जीत के लिए 312 रन का लक्ष्य मिला। गुजरात ने सुबह बिना किसी नुकसान के 47 रन से आगे खेलना शुरू किया, लेकिन उसने इसी स्कोर पर इस सत्र में सर्वाधिक 1310 रन बनाने वाले सलामी बल्लेबाज प्रियांक पांचाल (34) का विकेट गंवा दिया। पांचाल ने बलविंदर संधू (101 रन देकर दो विकेट) की ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंद पर दूसरी स्लिप में खड़े सूर्यकुमार यादव को कैच दिया। संधू ने नए बल्लेबाज भार्गव मेराई (दो) को भी ज्यादा देर तक नहीं टिकने दिया, जिसके बाद पार्थिव ने क्रीज पर कदम रखा, लेकिन दूसरे सलामी बल्लेबाज समित गोहल (21) के आउट होने से गुजरात का स्कोर तीन विकेट पर 89 रन हो गया। मुंबई अच्छी स्थिति में दिख रहा था लेकिन पार्थिव ने मनप्रीत जुनेजा (54) के साथ मिलकर चौथे विकेट के लिए 116 रन की साझेदारी निभाई, जो आखिर में निर्णायक साबित हुई। जुनेजा ने अखिल हेरवादकर की गेंद पर विकेटकीपर आदित्य तारे को कैच दिया। हालांकि तब बल्लेबाज को लग रहा था कि गेंद उनके बल्ले से लगकर नहीं गयी।


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